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<no title>जामिया में हिंसा, मनीष सिसोदिया ने पुलिस पर लगाए आरोप, तो मिला ये जवाब

नई दिल्ली. नागरिकता कानून (citizenship amendment act) के मुद्दे पर विरोध राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है. रविवार शाम इसके विरोध में दिल्ली के जामिया के इलाके में विरोध प्रदर्शन हुआ. पुलिस के मुताबिक इस प्रदर्शन में जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी  (Jamia University) के छात्र शामिल थे. बाद में प्रदर्शन इतना हिंसक हुआ कि प्रदर्शनकारियों ने आसपास के इलाके में तोड़फोड़ की और 3 बसों सहित दूसरे वाहनों में आग लगा दी. हिंसा में छात्र और पुलिस वाले घायल हुए. हालांकि बाद में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर ट्वीट करते हुए कुछ फोटो शेयर करते हुए इस हिंसा के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया.


मनीष सिसोदिया ने बीजेपी और पुलिस पर निशाना साधा. उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए इस पूरे घटनाक्रम पर पुलिस पर ही सवालिया निशान लगा दिए. उन्होंने सवाल पूछा कि ये सब किसके इशारे पर किया गया. ये घटिया राजनीति है. बता दें कि 4 हजार से पांच हजार लोग सुबह से प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन शाम को हालात गंभीर हो गए और प्रदर्शनकारियों ने बसों और वाहनों में आग लगा दी. मनीष सिसोदिया के इस बड़े आरोप पर पुलिस ने भी अपनी ओर से सफाई दी है


पुलिस की ओर से कहा गया कि इस तरह के आरोप गलत हैं. विरोध प्रदर्शन के बाद हुई हिंसक झड़प में 6 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. पुलिस के अनुसार, इस प्रदर्शन में शामिल होने आए कुछ लोग पहले से ही आगजनी और तोड़फोड़ के लिए तैयार होकर आए थे. हमने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है. डीसीपी ने कहा, हमने किसी पर भी गोली नहीं चलाई. जब प्रदर्शनकारियों ने रोकने के बावजूद जब पत्थर चलाए तो हमने आंसू गैस के गोले छोड़े.


रविवार को जामिया प्रशासन ने बयान जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है आज हो रहे प्रदर्शन में उनके विश्वविद्यालय के छात्र शामिल नहीं है. जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर वसीम रिजवी ने पुलिस पर आरोप लगाया कि छात्रों से पुलिस ने मारपीट की है.


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