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अब किसानों के संगठन को मोदी सरकार देगी 15 लाख रुपए, जानिए FPO के बारे में सबकुछ...

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है. बजट में की गई घोषणा के तहत किसानों और कृषि  को आगे बढ़ाने के लिए उनके ग्रुप को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी.


 


नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार   अब किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नई पहल शुरू करने जा रही है. बजट में की गई घोषणा के तहत किसान और कृषि (Indian Farmers) को आगे बढ़ाने के लिए उनके ग्रुप को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी. इसके लिए उन्हें एक कंपनी बनानी यानी किसान उत्‍पादक संगठन   बनाना होगा. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी   आज PM-किसान   योजना के एक साल पूरे होने के अवसर पर चित्रकूट से देशभर में 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की शुरुआत करेंगे. इस बारे में PM मोदी ने ट्वीट किया है और केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी इस बारे में जानकारी दी थी. PM मोदी ने कहा ​है कि एफपीओ से किसानों को तकनीकी, वित्तीय सहयोग एवं बाजार पहुंच सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.


सरकार ने 10,000 नए किसान उत्पादक संगठन बनाने की मंजूरी दे दी है. अगले 5 साल में इस पर 4,496 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसका रजिस्ट्रेशन कंपनी एक्ट में ही होगा, इसलिए इसमें वही सारे फायदे मिलेंगे जो एक कंपनी को मिलते हैं. यह संगठन कॉपरेटिव पॉलिटिक्स से बिल्कुल अलग होंगे यानी इन कंपनियों पर कॉपरेटिव एक्ट नहीं लागू होगा.


सवाल- क्या होता है किसान उत्‍पादक संगठन (FPO-Farmer Producer Organisation)





जवाब- एफपीओ एक किसानों का संगठन होता है. इसमें खेती करने वाले सभी किसान शामिल होते है. उदाहरण तौर पर समझें तो एएपीओ को एक कंपनी माना जाता है. ये जितनी कमाई करती है उसे सभी किसानों में बराबर बांट दिया जाता है. ये संगठन किसानों को सस्ता कर्ज, बेहतर उपकरण और कई अन्य सॉर्स के जरिए आय बढ़ाने में मदद करते है.


सवाल- सरकार अब क्या प्लान है?


जवाब- सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शुरुआत में इसको को एक बिजनेस यूनिट चलाएगी. इन बि​जनेस यूनिट की जो भी कमाई होगी, उसे किसानों के बीच बांटा जाएगा. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्केट में जैसे किसी कंपनी के पास अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम होते हैं, वैसे ही इन एफपीओ के पास भी कार्यक्रम होगा. एक अन्य अधिकारी के हवाले से लिखा गया है कि राज्य सरकारों, नाबार्ड, स्मॉल फार्मर्स एग्री बिजनेस कंसोर्टियम (SFAC) के साथ मिलकर काम करेंगे. मौजूदा समय में कुल 822 ऐसे एफपीओ हैं, जिन्हें SFAC ने प्रमोट किया है, ज​बकि 2,154 FPO को नाबार्ड ने प्रमोट किया है.


FPO के फायदे


छोटे और सीमांत किसानों की संख्या लगभग 86 फीसदी है, जिनके पास देश में 1.1 हेक्टेयर से कम औसत खेती है. इन छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को कृषि उत्पादन के दौरान भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इन किसानों को अपनी आर्थिक कमजोरी के कारण अपने उत्पादों की मार्केटिंग की चुनौती का भी सामना करना पड़ता है.


बयान में कहा गया है कि FPO से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के सामूहीकरण में सहायता होगी ताकि इन मुद्दों से निपटने में किसानों की सामूहिक शक्ति बढ़ सकें. एफपीओ के सदस्य संगठन के तहत अपनी गतिविधियों का प्रबंधन कर सकेंगे ताकि प्रौद्योगिकी, निवेश, वित्त और बाजार तक बेहतर पहुंच हो सके और उनकी आजीविका तेजी से बढ़ सके.


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