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भाण्डेर में हितग्राहियों को दो करोड़ से अधिक के बांटे हितलाभ

बिना किसी भेदभाव के सबको न्याय दिलाना और योजनाओं से लाभांवित कराना ही प्राधिकरण की मंशा है - अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण 


जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती सुनीता यादव ने आज भाण्डेर में आयोजित वृहद विधिक सेवा शिविर को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे संविधान में प्रावधान है कि बिना किसी भेदभाव के सबको न्याय मिले। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इसी दिशा में लोगों को जागरूक कर रहा है। साथ ही प्राधिकरण शासन की कल्याणकारी योजनाओं से जरूरतमंदों को लाभांवित कराने में भी अपनी भूमिका निभा रहा है। यह शिविर उसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लगाया गया है।
    शिविर में 865 हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं के तहत दो करोड़ रूपये से अधिक राशि के हितलाभ बांटे गए। इनमें अकेले ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 41 स्वसहायता समूहों को वितरित 26 लाख 82 हजार रूपये के हितलाभ तथा जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा 6 हितग्राहियों को वितरित 68 लाख 13 हजार रूपये के हितलाभ भी शामिल हैं।
    जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित शिविर में श्रीमती यादव अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तक इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए काम किया जा रहा है कि समाज के सभी व्यक्तियों को न्याय सुलभ हो। इसके लिए उन्हें विधिक साक्षरता शिविरों के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। श्रीमती यादव ने पर्यावरण संरक्षण में योगदान देने का लोगों से आग्रह करते हुए पॉलीथिन का प्रयोग बंद करने तथा इसका प्रयोग बंद करने के लिए दूसरे लोगों को भी समझाने की अपील की।
    कार्यक्रम में कलेक्टर श्री रोहित सिंह, अपर जिला न्यायाधीश श्री हितेन्द्र द्विवेदी, अपर जिला न्यायाधीश श्री विजय कुमार शर्मा, अपर जिला न्यायाधीश श्री रविन्द्र कुमार शर्मा, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री रोहित सिंह एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री बी.एस. जाटव उपस्थित थे।
    इस मौके पर अपर जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री दिनेश कुमार खटीक ने कहा कि भारत के संविधान में अनुच्छेट 39 क जोड़कर राज्यों को यह दायित्व सौंपा गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि विधिक तंत्र इस प्रकार से कार्य करें कि समान अवसर के आधार पर न्याय सुलभ हो। विशेषकर यह सुनिश्चित किया जाए कि आर्थिक निर्बलता या किसी अन्य निर्बलता के कारण कोई नागरिक न्याय प्राप्त करने के अवसर से वंचित ना रह जाए। विधिक सेवा प्राधिकरण इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए काम कर रहा है।
    श्री खटीक ने कहा कि विधिक साक्षरता के बारे में ज्ञान ना होने के कारण व्यक्ति कानून से भयभीत होकर दूर भागते हैं। विधिक निरक्षर व्यक्ति, कानून की सहायता प्राप्त करने में अक्षम होता है तथा वह व्यक्ति अपने विधिक अधिकारों का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। इसलिए विधिक सेवा कार्यक्रम के अंतर्गत न केवल कमजोर व्यक्तियों को सेवाएं उपलबध कराई जाती हैं, बल्कि सुदूर एवं ग्रामीण अंचल में शिविर लगाकर आम जनता को विधिक प्रावधानों से अवगत कराया जाता है। श्री खटीक ने कहा कि आज भाण्डेर में आयोजित शिविर में विधिक जागरूकता के साथ-साथ ग्रामीणजन को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है।
    विशेष न्यायाधीश श्री के.एन. मिश्रा ने कहा कि संविधान में  सभी को खासकर अनुसूचित जाति वर्ग, कमजोर वर्ग एवं महिलाओं को विधिक सेवा प्राप्त करने का अधिकार प्रदान किया गया है। इसी प्रकार कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने का भी अधिकार दिया गया है। लेकिन अज्ञानता के कारण कई लोग इनका लाभ प्राप्त करने से वंचित रह जाते हैं। अगर किसी को लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो वह विधिक सेवा प्राधिकरण में आवेदन कर सकता है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने के संस्कार दें।
    शिविर में विभिन्न विभागों के स्टाल लगाए गए थे। उक्त अवसर पर लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशक्तजनों हेतु स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया था।


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