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संतुलित पशु आहार खिलाकर पशु से मिले दुग्ध अपार (खुशियों की दास्तां)




    अम्बाह विकासखण्ड के ग्राम आदे का पुरा निवासी हरीशंकर शर्मा ने पशुओं को संतुलित पशु आहार खिलाकर दूध में वृद्धि की है। यह सब संतुलित पशु आहार के कारण हुआ है। हरीशंकर ने बताया कि पशुओं के 32 कि.लो. सरसों की खली, 20 कि.लो. गेहूं, 18 कि.लो. बाजरा, 1 कि.लो. चूना, 1 कि.लो. मिण्डल विटामिन मिच्चर, 2 कि.लो. नमक, 12 कि.लो. अरहर चूनी और 14 कि.लो. चूनी का संतुलित आहार पशुओं को खिलाने से 8 की बजह 10-10 लीटर दूध दें रही है।
    हरीशंकर शर्मा ने बताया कि मैं एक सामान्य पशुपालक कृषक हूं। पूर्व में मैंने सामान्य तरीके से पशुपालन किया करता था, जिससे उचित मात्रा में दुग्ध उत्पादन नहीं मिलता था। पिछले वर्ष 2018 में, मैं आत्मा परियोजना एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के सम्पर्क में आया तो, उन्होंने आत्मा परियोजना द्वारा वर्ष 2019-20 में पशुपालन को लाभ का व्यवसाय बनाने के विषय पर पशुपालक समूह का निर्माण किया गया एवं क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया तथा देशी विधि से तैयार संतुलित पशु आहार की किट प्रदान की गई। संतुलित पशु आहार का उपयोग करने से पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हुई। पहले प्रति पशु 8 लीटर दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन मिलता था, परन्तु अब संतुलित पशु आहार का उपयोग करने से दुग्ध उत्पादन 10 लीटर/दिन हो गया है तथा पशु आहार के उपयोग के कारण पशुओं का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है व बीमारियां भी दूर रहती है। इस प्रशिक्षण से प्रेरित होकर अब मैं स्वंय भी देशी विधि से तैयार संतुलित पशु आहार निर्माण घर पर ही करता हूं तथा मेरे गांव के कृषक समूह के अन्य कृषकं भी इस विधि से पशु आहार तैयार कर पशुओं को खिलाते हैं जिससे उन्हें दुग्ध उत्पादन से अतिरिक्त लाभ प्राप्त हो रहा है।

 


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