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श्रीराम के ओरछा आगमन की कथा से शुरू होगा महोत्सव (खुशियों की दास्तां)

ओरछा महोत्सव के प्रति लोग उत्साहित, कर रहे हैं प्रतीक्षा


 




    नमस्ते ओरछा महोत्सव का शुभारंभ भगवान श्रीराम के अयोध्या से ओरछा आगमन की कथा से शुरू होगा।

इस ऐतिहासिक गाथा को थ्री डी मैपिंग से जहांगीर महल की दीवालों पर दिखाया जाएगा। इसके साथ ही शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों के बीच यहां विदेशी संगीतज्ञों के साथ बुंदेली गायक सुरताल मिलाते दिखाई देंगे। कार्यक्रम का समापन बुंदेली व्यंजनों के जायके से किया जाएगा। वहीं पूरी ओरछा नगरी को रामराजा मंदिर के रंग में रंगने की कवायद शुरू कर दी गई है।
    मार्च माह में होने वाले तीन दिवसीय ओरछा महोत्सव का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया गया है। देश-विदेश से आने वाले डेलीगेट्स को तीन दिन में यहां की संस्कृति, संगीत, पर्यावरण, भोजन आदि हर चीज से रू-ब-रू कराने की कोशिश की जा रही है। देश-विदेश से आने वाले हर क्षेत्र के डेलीगेट्स को ओरछा में इन्वेस्ट के लिए आमंत्रित किया जा सके, इसे ध्यान में रखकर पूरा कार्यक्रम तैयार किया गया है।
    6 मार्च की शाम को श्रीराम के ओरछा आगमन, रानी कुंवर गनेश की कथा के साथ महोत्सव का शुभारंभ होगा। ओपनिंग सेरेमनी में संध्या ग्रुप का डांस, क्लिंटन का म्यूजिक शो, बुंदेली आर्टिस्ट तिपन्या के साथ ही संतूर वादन का कार्यक्रम होगा। वहीं 7 मार्च की शाम को कंचना घाट पर बेतवा जी की महा आरती होगी और यहां पर प्रख्यात शास्त्रीय संगीत गायिका शुभा मुदगल का गायन होगा। इसके साथ ही यहां पर क्लासिकल डांसर अदिति मंगलदास नृत्य की प्रस्तुती देंगी। इसके बाद कल्पवृक्ष के पास आयोजित म्यूजिक शो में इंडियन ओशन ग्रुप, मृग्या, स्वनन किरकिरे के गायन के साथ ही फ्रेंच गायक मनु चाव एवं बुंदेली आर्टिस्ट कालू राम की जुगलबंदी का आनंद लोग उठाएंगे।
    आसमान से निहारेंगे ओरछा की सुंरदताः कार्यक्रम में आने वाले देशी-विदेशी मेहमानों को यहां के प्राकृतिक वातावरण से रू-ब-रू कराने नेचर वॉक, योग, हेरिटेज साइकलिंग एवं फोटोग्राफी जैसे कार्यक्रम रखे गए हैं। 7 मार्च की सुबह से सभी डेलीगेट्स को वन परिक्षेत्र एवं बेतवा नदी के बीच ले जाकर यह कार्यक्रम कराए जाएंगे। इसके साथ ही ओरछा की ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक सुंदरता का आसमानी मंजर दिखाने के लिए हॉट एयर बैलून से पर्यटकों को भ्रमण कराया जाएगा।
    चलेंगे ई-रिक्शाः यहां पर आने वाले डेलीगेट्स को हर जगह ले जाने के लिए प्रशासन द्वारा ई-रिक्शा का उपयोग किया जायेगा। यहां का वातावरण किसी प्रकार से प्रदूषित न हो इसके लिए डीजल-पेट्रोल वाहनों का कम उपयोग किया जाएगा। इसके लिए प्रशासन द्वारा बड़े पैमाने पर ई-रिक्शा की व्यवस्था की जा रही है।
    मां बेतवा की महाआरतीः इस आयोजन में सरकार बेतवा जी के महत्व को भी सभी के बीच ले जाने का प्रयास करेगी। 7 मार्च की शाम को सभी डेलीगेट्स कंचना घाट पर बेतवा की महाआरती में शामिल होंगे। यहीं पर शुभा मुदगल का गायन होगा। इसके बाद लगभग पांच सौ वर्ष पुराने कल्पवृक्ष को भी दिखाया जाएगा तथा कल्पवृक्ष के पास म्यूजिक शो होगा।
    खुलेंगे विकास के द्वारः ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक संसाधनों से लबरेज ओरछा को इन संसाधनों का समुचित लाभ मिले, इसके लिए सरकार फिल्म, वैडिंग, टूरिज्म सहित अन्य ऐसे ही उद्योगों से जुड़े डेलीगेट्स को भी यहां बुला रही है। इनके साथ तमाम अधिकारियों की 7 मार्च की दोपहर को कान्फ्रेंस होगी। इसमें इन्हें ओरछा में आकर इन्वेस्ट करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। वहीं 8 मार्च की शाम को बुंदेली भोजन के हाट के साथ कार्यक्रम का समापन होगा।

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