मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ लेकर श्रीमती नाजरा बानो स्क्रीन प्रिंटिंग का व्यवसाय शुरू कर जहां आत्मनिर्भर बनी हैं। साथ ही तीन अन्य लोगों को भी इस व्यवसाय से रोजगार प्रदाय कर रही हैं। इस व्यवसाय से उनके परिवार की माली हालत में भी काफी सुधार आया है।
ग्वालियर के लक्कड़खाना निवासी श्रीमती नाजरा बानो कक्षा-10वीं तक पढ़ी-लिखी महिला हैं। उनके पास स्क्रीन प्रिंटिंग कार्ड बनाने का पहले से ही अनुभव था। परिवार के सदस्यों के सहयोग से वे इस स्क्रीन प्रिंटिंग के व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने हाथकरघा विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बैंक ऑफ बड़ोदरा की शाखा से 3 लाख रूपए का ऋण स्वीकृत हुआ। इस ऋण पर उन्हें 90 हजार रूपए के अनुदान का लाभ भी मिला। आज इस व्यवसाय से वे अपने परिवार का भरण-पोषण बेहतर तरीके से कर रही हैं। उन्होंने बताया कि बैंक की किश्तें एवं अन्य सभी प्रकार के खर्चे काटने के उपरांत उन्हें प्रतिमाह 10 से 12 हजार रूपए की आय इस व्यवसाय से हो रही है। उन्होंने बताया कि शादी समारोह, जन्मदिन आदि के अवसरों के आमंत्रण पत्र प्रिंटिंग के लिये घर बैठे ही आर्डर प्राप्त होते हैं। इस कार्य में उनके पति श्री इस्माइल खां मंसूरी भी हाथ बटाते हैं। इस प्रकार उनका पाँच सदस्यीय परिवार का संचालन बेहतर तरीके से हो रहा है।
श्रीमती नाजरा बानो ने कहा कि शासन ने शिक्षित बेरोजगारों एवं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वरोजगार हेतु विभिन्न योजनायें संचालित की हैं। लेकिन आवश्यकता लोगों को आगे आकर इन योजनाओं का लाभ लेकर अपने जीवन में खुशहाली लाई जा सकती है।
स्क्रीन प्रिंटिंग के व्यवसाय से नाजरा बानो के परिवार की आर्थिक स्थिति में आया सुधार "खुशियों की दास्तां "
Saturday, February 29, 2020
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