Type Here to Get Search Results !

नवरात्रि का छठा दिन:: अगर आपको भी अपने दुश्मनों पर पाना हैं विजय, तो आज देवी कात्यायनी की ऐसे करे पूजा !!!

आज नवरात्र का छठा दिन है और इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी ही देवी दुर्गा का छठा स्वरूप हैं। स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी और इन्होंने देवी पार्वती द्वारा दिए गए शेर पर विराजमान होकर महिषासुर का वध किया था।


पूजा से जुड़ी जरूरी बातें और महत्व


देवी कात्यायनी की पूजा करने से शक्ति का संचार होता है और इनकी कृपा से दुश्मनों पर भी जीत मिलती है।
मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना में शहद का प्रयोग किया जाना चाहिए क्योंकि मां को शहद बहुत पसंद है।
शहद से बना पान भी मां को प्रिय है इसलिए इनकी पूजा में भी चढ़ाया जा सकता है।
देवी को शहद का भाेग लगाने से आकर्षण शक्ति बढ़ती है और प्रसिद्धि भी मिलती है।
देवी कात्यायनी की पूजा करने से चेहरे की कांति और तेज बढ़ता है।
इनकी पूजा से सुख और समृद्धि भी बढ़ती है।
देवी कात्यायनी की पूजा से अविवाहित लोगों के विवाह योग जल्दी बनते हैं और लड़कियों को सुयोग्य वर मिलता है।


पूजा विधि

सुबह जल्दी उठें और नहाकर लाल रंग के कपड़े पहनें।
देवी कात्यायनी की तस्वीर को पूजा स्थल पर स्थापित करें और उनका पूरा श्रृंगार करें।
देवी को लाल रंग प्रिय है इसलिए लाल रंग की सामग्री से इनका श्रृंगार करना चाहिए।
इसके बाद घी का दीपक जलाएं, धूप जलाएं और सभी प्रकार के फल और मेवों का प्रसाद चढ़ाएं।
फूलों की माला हाथ में लेकर कात्यायनी मां का ध्यान और आरती करें।
देवी कात्यायनी की पूजा का मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।


नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
अर्थ – हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।



 


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.