कोरोना वायरस संक्रमण के कारण प्रदेश में लागू लॉकडाउन में गुना के जोगी मुहल्ला में दिव्यांग आँगनबाड़ी कार्यकर्ता मनीषा ओझा प्रतिदिन अपनी ट्राईसायकिल पर हितग्राहियों के घर-घर जाकर पोषण-आहार का वितरण कर रही है। जब वह लोगों को कोरोना से बचाव की सलाह देती है, तो वे ना सिर्फ मनीषा की बात मानते हैं बल्कि कहते भी हैं कि आपके हौसले बुलंद हैं। गाँव वाले कहते हैं कि जब मनीषा दिव्यांग होकर संकट के समय यह काम कर रही है, तो हम भी उसकी बातों को अपनाकर कोरोना जैसी बीमारी से बचाव कर सकते हैं।
मंदसौर जिले में प्रेमपुरिया गाँव की आँगनबाड़ी कार्यकर्ता कंचन गायरी भी दिव्याँग है। वह अपनी ट्राईसाइकिल से घर-घर जाकर पूरे गाँव को कोरोना से बचाव का पाठ पढ़ा रही है। बचपन से ही दिव्यांग कंचन सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखती है। अपनी ट्राईसाइकिल के पास किसी को नहीं आने देती। दूसरों को भी वह यही सलाह देती है कि घर पर रहो, सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखो।
रीवा जिले के मढी गाँव की दिव्यांग आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सरोज शुक्ला हितग्राहियों को घर-घर जाकर हाथ धोने की सलाह तो दे ही रही है, साथ ही हाथ धोने की कम लागत वाली व्यवस्था टीपी टैप भी बनवा रही है।
प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास श्री अनुपम राजन ने बताया कि हम सभी कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं। इसलिये इन्हे भी कोविड योद्धा मानते हुए बीमा-योजना में शामिल कराया गया है। आयुक्त महिला-बाल विकास श्री नरेश पाल कुमार ने कहा कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इन दिव्यांग कार्यकर्ताओं के हौसले सराहनीय हैं।