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कोरोना संकट में भारत बना 'मसीहा', 13 देशों को भेजेगा HCQ की लाखों टैबलेट, 45 और देशों ने मांगी

कोरोना वायरस संक्रमण   के इलाज में कारगर मानी जा रही है मलेरिया की हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन   दवा. भारत   इस दवा का सबसे बड़ा निर्माता और निर्यातक है.


नई दिल्‍ली. कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही मलेरिया (Malaria) की दवा हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन (hydroxychloroquine) की मांग दुनिया के तमाम देशों में बढ़ गई है. भारत (India) इस दवा का सबसे बड़ा निर्माता और निर्यातक है. इसलिए अधिकांश देशों ने इस दवा के लिए भारत से मांग की है. भारत करीब 20 देशों को ये दवा पहुंचा चुका है. शुक्रवार को भी भारत की ओर से 13 देशों की सूची जारी की गई है. इन देशों को भारत हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन दवा (hydroxychloroquine Tablets) की लाखों टैबलेट भेजेगा. भारत से 45 और देशों ने दवा की मांग की है.


समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि भारत ने शुक्रवार को उन 13 देशों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है, जिन्‍हें हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन (HCQ) दवा की टैबलेट भेजी जानी है.


जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने भारत से हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन दवा की 48 लाख टैबलेट की मांग की थी. लेकिन भारत वहां 35.82 लाख टैबलेट ही भेज रहा है


इसके साथ ही अमेरिका को भारत की ओर से 9 मीट्रिक टन एक्टिव फार्मास्‍यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (API) भी भेजा जा रहा है. ब्राजील और कनाडा को भी भारत हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन दवा की करीब 50 लाख टैबलेट भेजेगा. लेकिन ये दूसरी खेप में जाएंगी. पहली खेप में ब्राजील को सिर्फ 0.53 मीट्रिक टन एपीआई भेजी जाएगी


अमेरिका के अलावा भारत बांग्‍लादेश को हाइड्रॉक्‍सीक्‍लोरोक्‍वीन की 20 टैबलेट, नेपाल को 10 लाख टैबलेट, भूटान को 2 लाख टैबलेट, श्रीलंका को 10 लाख टैबलेट, अफगानिस्‍तान को 5 लाख टैबलेट, मालदीव को 2 लाख टैबलेट देगा. भारत की ओर से जर्मनी को भी 50 लाख टैबलेट भेजी जाएंगी. जर्मनी को पहली खेप में सिर्फ 1.5 मीट्रिक टन एक्टिव फार्मास्‍यूटिकल इंग्रेडिएंट्स (API) भेजा जाएगा.


भारत के पास है पर्याप्‍त स्‍टॉक


स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत के पास हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन की 3.28 करोड़ टैबलेट का स्टॉक है जो आने वाले सप्ताह में देश के लिये 1 करोड़ टैबलेट की अनुमानित जरूरत से तीन गुना अधिक है. इसके अलावा भविष्य की जरूरतों के लिये अतिरिक्त 2 से 3 करोड़ टैबलेट की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा, 'अनुमानित जरूरत के आधार पर हमें आने वाले सप्ताह में 1 करोड़ टैबलेट की जरूरत है. जबकि आज हमारे पास 3.28 करोड़ टैबलेट है. इसलिये हमारे पर घरेलू जरूरत से तीन गुना अधिक दवा आपूर्ति के लिये है.


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