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कोविड-19 संक्रमण रोकने में लगे निजी चिकित्सा कर्मियों का भी होगा बीमा: मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की चिकित्सकों से चर्चा



प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की लड़ाई में सीधे रूप से लगे निजी चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों का भी शासकीय चिकित्सा कर्मियों की तरह 50 लाख रूपये का बीमा कराया जायेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए निजी चिकित्सकों के आग्रह में यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने निजी चिकित्सकों को कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में उनके हौसले एवं सहयोग के लिए धन्यवाद दिया


मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को टेलीमेडिसिन व्यवस्था बनाने के लिए टेलीफोन पर डॉक्टर्स के मोबाइल नंबर एवं टेलीफोन नंबर की सूची तैयार रखने के निर्देश दिये। श्री चौहान ने कहा कि डॉक्टर स्वयं रैपिड टेस्ट किट खरीद सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग उसकी प्रामाणिकता की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि कोविड और नॉन कोविड-19 के लिए अलग-अलग चिकित्सालय रहेंगे। डॉक्टर द्वारा पीपीई किट की मांग किए जाने पर उन्होंने कहा कि पहले यह किट भारत सरकार से बनवाई जा रही थी, परंतु अब इस किट का निर्माण प्रदेश में ही पीथमपुर के साथ बुधनी में भी प्रारंभ हो चुका है। उन्होने कहा कि मांग एवं उपलब्धता के आधार पर सूचीबद्ध कर स्वास्थ्य विभाग इसकी आपूर्ति करेगा।


डॉ. प्रद्युम्न पांडे द्वारा संक्रमण से ग्रसित मरीज की मृत्यु होने के बाद उसकी रिपोर्ट आने तक डेड बॉडी मर्चुरी में रखे जाने की परेशानी बताने पर उन्हें बताया गया कि अब इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है। मृत व्यक्ति के रिपोर्ट आने का इंतजार ना करते हुए उसका अंतिम संस्कार किया जा सकता है।


वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डॉ. एस. पी. दुबे ने समन्वय किया। प्रदेश के निजी डॉक्टर्स एसोसिएशन के डॉक्टर जामदार, डॉ. शेखर श्रीवास्तव, डॉ. अनूप हजेला, डॉ. रणधीर सिंह, डॉ. शारदा, डॉ. राहुल खरे, डॉ. मनीषा खरे, डॉ. दिनेश मजूमदार, डॉ. संजय गुप्ता, डॉ. संजय अग्रवाल, डॉ. सुधाकर वैद्य, डॉ. सुशील गुप्ता, डॉ. पीएन अग्रवाल, डॉ. राजेश धीरवानी, डॉ. शैलेश लुणावत ऑनलाइन उपस्थित थे।


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