प्रदेश में अपने घरों से दूर रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश के बाहर गये मजदूरों को कोरोना संक्रमण में लागू लॉकडाउन में वापस घर तक लाने का सिलसिला शुरू हो गया है। इससे श्रमिकों के चेहरे पर खुशियां साफ झलक रहीं हैं। इंदौर संभाग में हजारों की संख्या में श्रमिकों का अपने-अपने घरों में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां से अन्य प्रदेशों के मजदूरों को उनके क्षेत्रों में भेजने की कार्यवाही भी व्यापक स्तर पर चल रही हैं। राज्य शासन के निर्देश पर यहां आ रहे श्रमिकों और उनके परिजनों के स्वास्थ्य परीक्षण, लाने- ले जाने की व्यवस्था, भोजन, आवास आदि के पुख्ता इंतजाम किये गये है।
खरगोन में 17 राज्यों से 3 हजार से अधिक मजदूर लौटेंगे अपने घर
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने लॉक डाउन और कर्फ्यू के बीच हजारों मजदूरों को अपने अपने राज्यों में अपने परिवार के पास भेजने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से गांवों में वृद्ध परिजनों की याद में कुम्हलाते हृदय में आशा का संचार हुआ है। खरगोन में 17 राज्यो से तीन हजार से अधिक मजदूर अपने घरों की ओर वापस आयेंगे।
बड़वानी में गुजरात से लौटे 92 मजदूरो को पहुंचाया गृह ग्राम
बड़वानी जिले में गुजरात के विभिन्न स्थानों पर मजदूरी करने गये जिले के 92 मजदूरो को गुजरात की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले से शासकीय वाहन सुविधा उपलब्ध करवाकर जिले में लाया गया है। अलीराजपुर से उपलब्ध कराई गई बस के माध्यम से विकासखण्ड पाटी के सबसे दूरस्थ ग्राम चेरवी के रहने वाले इन 72 एवं बोरकुण्ड रहने वाले 5 मजदूरो को अलीराजपुर से आई बस के माध्यम से पाटी तक पहुंचवाया गया। मध्यप्रदेश-गुजरात की सीमा पर स्थित ग्राम चांदपुर में चेक प्वाइंट पर सभी बसों के आने पर एक-एक व्यक्ति का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस मौके पर श्रीमती सुरभि गुप्ता और पुलिस अधीक्षक श्री विपुल श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
बुरहानपुर में ढ़ाई हजार मजदूरों का चैकअप
रविवार तक दूसरे राज्यों और जिलों से बुरहानपुर जिले में प्रवेश करने वाले मजदूरों की संख्या 2525 है। आज तक कुल 2399 व्यक्तियों को गंतव्य स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। खण्डवा से मजदूर रीवा, सतना, डिंडोरी, जबलपुर की ओर मजदूर भेजे गए। इसके अलावा कर्नाटक के उडुपी में खण्डवा जिले के नवोदय स्कूल के विद्यार्थी फंसे हैं, उन्हें लेने भी बस रवाना की गई।
झाबुआ में भी घर लौटे दो हजार श्रमिक
जिला प्रशासन झाबुआ में मजदूरों को लाने के लिए 100 गाड़ियों की व्यवस्था की गई। अब तक 2 हजार श्रमिक आ चुके हैं।