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कोरोना की जंग में जी-जान से जुटे हैं अधिकारी-कर्मचारी

प्रदेश में कोरोना वायरस की बीमारी की रोकथाम और बचाव के लिये हमारे कोरोना फाइटर्स दिन-रात जान की बाजी लगा कर इसे हराने में जुटे हुए हैं।मुरैना जिले की डीएसपी सुश्री प्रतिभा शर्मा ने वार्ड-47 में 14 पॉजिटिव पाये जाने पर क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया घोषित कराया। सभी को घरों में सुरक्षित रहने के लिये उनकी हौंसला अफजाई करती रहीं। इससे यह वार्ड अब पूरी तरह कोरोना   मुक्त हो गया है। इसके साथ ही, जिले के बॉर्डर पर बरती गई सख्ती के कारण अन्य पॉजिटिव मरीजों का प्रवेश भी नहीं हो सका है।  


 सुश्री प्रतिभा शर्मा की अभी परिवीक्षा अवधि है। उन्हें मुरैना जिले में पदस्थ हुए केवल 4 महीने ही हुए हैं। कोरोना की जंग जीतने के लिये उन्हें नोडल अधिकारी का दायित्व दिया गया है। सुश्री शर्मा ने कोरोना की चुनौती को स्वीकार कर जिले के चैक प्वाइंटों पर सीमाओं को सील कराया। इसके बाद वार्ड क्रमांक-47 में सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक गश्त कर सभी को घरों में रहने की सलाह दी और इस वार्ड की परिधि में आने-जाने वाले वार्ड में बेरिकेड्स लगवाये ताकि 3 किलोमीटर की परिधि से कोरोना के लक्षण अन्य वार्ड में न पहुँच पायें। सुश्री शर्मा की मेहनत रंग लायी और 14 मरीज निगेटिव होकर अपने घरों पर पहुँच गये हैं। अभी 28 दिन तक इनके घरों पर पुलिस सख्ती से गश्त कर रही है।


                                ग्वालियर शहर से 15 किलोमीटर दूर साडा क्षेत्र में रामकृष्ण हॉस्पिटल के चिकित्सक डॉ. रामकृष्ण धमानिया ने अपने निजी अस्पताल को क्वारेंटाइन सेंटर बना दिया है। डॉ. धमानिया की पहल से जिला प्रशासन द्वारा दूर-दराज से पैदल चलकर आ रहे 50 मजदूरों को अस्पताल में 14 दिन के लिये क्वारेंटाइन कराया गया। अभी तक 19 मजदूर सेंटर से स्वस्थ होकर अपने-अपने घरों को वापस जा चुके हैं।


छिन्दवाड़ा जिला चिकित्सालय में कार्यरत सुपरवाइजर श्री सारवान आईसोलेशन वार्ड के सभी कमरों और एम्बुलेंस को सेनेटाइज करने की जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। श्री सारवान का कहना है कि वे अपने परिवार से दूर रहकर इस पुनीत कार्य में जुटे हैं ताकि लोगों को संक्रमण से बचाया जा सके।


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