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लॉकडाउन में सजगता और जागरूकता से पोषित हो रहे है बच्चे

श्योपुर जिले के कुछ आदिवासी बाहुल्य गॉवों में लॉकडाउन के बावजूद महिला-बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर और आँगनवाडी कार्यकर्ता ने अपनी सजगता और जागरूकता से एनआरसी जाए बिना 16 बच्चों को गंभीर कुपोषण की श्रेणी से बाहर लाने में सफलता हासिल की है।


सुपरवाइजर सुषमा सोनी बताती है कि जिले के कराहल विकासखण्ड के तीन गाँव ढेंगदा के 9 बच्चे, कलारना के 4 एवं चैनपुरा-बगवाज के 3 बच्चों की माताओं ने उन्हें बिना बताए एन आर सी से वापस ले गए थे। इन बच्चों को स्वास्थ्य विभाग ने डिफाल्टर घोषित कर दिया था। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने आँगनवाडी पर ही बच्चों को पोषण आहार देकर पोषित करने का अभियान शुरू किया था।


अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए समुदाय आधारित प्रबंधन अभियान कार्यक्रम के तहत आँगनवाडी पर ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इन बच्चों की आवश्यक जाँच के बाद उन्हें दवाएँ दी जाती है। सुषमा कहती हैं लॉकडाउन के कारण आँगनवाडी केन्द्रों को बन्द कर दिया गया है। जिन बच्चों को डिफाल्टर घोषित किया गया उन्हें पोषित करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था। हम लोगों ने चुनौती स्वीकारते हुए घर-घर पहुँचकर बच्चों को पोषण आहार एवं आयरन सिरप का वितरण किया। लगातार मॉनिटरिंग की और नतीजा यह हुआ कि ये बच्चे आज खतरे की श्रेणी से बाहर आ गए हैं।


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