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श्रम सुधारों में श्रमिक हितों के संरक्षण पर विशेष ध्यान

मध्यप्रदेश सरकार ने श्रम सुधारों में श्रमिक हितों के संरक्षण पर विशेष जोर दिया है। ओवर टाइम के लिये श्रमिक की सहमति कानूनी रूप से जरूरी होगी। सहमति के आधार पर ओवर टाइम करवाने पर दरें दो गुनी रहेंगी। बाल श्रमिकों का नियोजन यथावत प्रतिबंधित रहेगा।


ओवर टाइम के लिये श्रमिक की सहमति कानूनी रूप से आवश्यक होगी। श्रमिकों के हित में ओवर टाइम के लिये दोगुनी दरें यथावत देना बंधनकारी होगा। श्रमिकों को समय पर वेतन भुगतान संबंधी प्रावधान पूर्वानुसार लागू रहेंगे। महिला श्रमिकों को समान कार्य के लिये समान वेतन संबंधी लाभ के कानून यथावत रहेंगे। श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए इससे संबंधित कानूनी प्रावधानों से कोई समझौता नहीं किया गया है। इनमें किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। कार्य के दौरान दुर्घटना आदि सुरक्षा से संबंधित कानूनी प्रावधान लागू रहेंगे। श्रमिकों की दुर्घटना आदि से सुरक्षा से संबंधित प्रावधान कानूनी यथावत रखे गए हैं। श्रमिकों के सवैतनिक अवकाश संबंधी कानूनी प्रावधान यथावत रहेंगे।


साप्ताहिक अवकाश का लाभ पूर्वानुसार प्रदान किया जाना होगा। श्रमिक हित में छंटनी तथा बंदीकरण के पूर्व नियमानुसार प्रक्रिया अपनाया जाना वैधानिक रूप से आवश्यक रहेंगे। महिला श्रमिकों को प्रसूति की स्थिति में 26 सप्ताह के सवैतनिक मातृत्व अवकाश की पात्रता के कानून लागू रहेंगे। छंटनी की स्थिति में एक माह की सूचना एवं वेतन के स्थान पर 3 माह की सूचना या वेतन के कानूनी प्रावधान लागू रहेंगे। मध्यप्रदेश औद्योगिक संबंध अधिनियम समाप्त होने से श्रमिकों की ओर से उनके श्रम संगठन नियोजकों से श्रमिक हितों की रक्षा के लिये पुन: चर्चा के लिये सक्षम रहेंगे। मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल, भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल, मध्यप्रदेश स्लेट पेंसिल कर्मकार मण्डल की योजनाओं के लाभ पूर्वत प्राप्त होते रहेंगे। मुख्यमंत्री जनकल्याण(संबल) योजना में श्रमिकों को समस्त लाभ यथावत प्राप्त होते रहेंगे। कर्मकारी राज्य बीमा(ESI) अस्पतालों एवं क्लिनिकों का लाभ श्रमिकों को पूर्ववत मिलेगा।


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