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अशोकनगर के मनरेगा इतिहास में सर्वाधिक मजदूर वर्तमान में नियोजित (कहानी सच्‍ची है



        अशोकनगर के मनरेगा इतिहास में सर्वाधिक मजदूर वर्तमान में नियोजित हैं। उक्‍ताशय की जानकारी देते हुए मुख्‍य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री चंद्रशेखर शुक्‍ला ने बताया कि जिले में मरेगा वर्ष 2007-2008 में प्रारंभ हुई थी तब से लेकर 31 माचर् 2020 तक जिले में अधिकतम मजदूर 12 हजार लगते थे। वर्तमान में इस रिकार्ड को तोडते हुए आज तक 38213 मजदूर नियोजित हैं। कोरोना संक्रमण को दृष्टिगत रखते हुए जिले में प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए एवं जिले से मजदूरों के पलायन को रोकने के लिये व्यापक कार्ययोजना बनाईगईहै। अपर मुख्य सचिव द्वारा कुल सक्रिय श्रमिकों की संख्या में से न्यूनतम 33 प्रतिशत श्रमिकों को रोजगार देने का लक्ष्य दिया गया था। जिसे अशोकनगर जिले ने पूर्ण कर लिया है। सर्वोधिक प्रतिशत की द्वष्टि से श्रमिक नियोजन में अशोकनगर जिला वर्तमान में प्रदेश में तृतीय स्थान पर है।
   कोरोना संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों के चलते जिले में 6345 मजदूर विभिन्न राज्यों एवं प्रदेश के जिलों से अशोकनगर में आये हैं। इन मजदूरों को रोजगार में संलिप्त करने के लिये ऐसे सभी मजदूरों के जाब कार्ड बनाये गये हैं जिनके पास जाब कार्ड नहीं थे।जिले मेंअब तक 16357 लोगों के जाब कार्ड बनाये गयेहैं। साथ ही जिले में वर्तमान में 11000 से अधिक मनरेगा के कार्य खोले गये हैं। जिसमें मजदूरों की मांग के अनुसार तत्काल कार्य दिया जा रहा है। पंचायतों में मनरेगा का रोजगार प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठिनाई न हो इसके लिये जिला स्तर पर मनरेगा हेल्पलाईन नम्बर 7999838482 स्थापित किया गया है। इस नम्बर पर कार्यालयीन समय पर कोई भी व्यक्ति मनरेगा में रोजगार प्राप्त करने के लिये सम्पर्क कर सकता है। इस प्रकार की प्राप्त मांगों के आधार पर ऐसे व्यक्ति को संबंधित ग्राम पंचायत में कार्य उपलब्ध कराया जाता है। इसी प्रकार जनपद स्तर पर भी कालसेन्टर स्थापित किये गये हैं।    
   जनपद पंचायत का नाम  मनरेगा हेल्प लाईन नम्बर अशोकनगर 9893814504, ईसागढ 9993269935, मुंगावली 9425453137, चन्देरी 7000917845 है।इन काल सेटरों परभी काल करके कोई भी व्यक्ति रोजगार की मांग कर सकता है। मांग करने के 24 घण्टे के अंदर उसे मनरेगा के कार्य में नियोजित किया जाता है।
   ऐसे समय पर जबकोरोना का संक्रमण का भय बना हुआ है। ऐसे में मनरेगा रोजगारदायनी बन गया है। 20 अप्रेल से अब तक13 करोड़ 10 लाख रूपये का भुगतान मजदूरों को किया जा चुका है। जिन मजदूरों को मनरेगा के कार्यों में नियोजित किया गया है। मजदूरों को कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु 2  जौडी मास्क प्रदाय किये गये है। साथ ही मौके पर सेनेटाईजर, साबुन की व्यवस्था की गई है। मजदूरों से सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराते हुये 4-4 फुट की दूरी पर कार्य स्थल पर मजदूरों को नियोजित किया गया है। बरसात में वृक्षारोपण एवं नंदन फलोद्वान के कार्य लिये जायेगें। जिसमें 5 एकड तक के किसानों को लाभान्वित किया जावेगा।



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