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इंदौर जिले में खरीफ की बुआई का काम तेजी से जारी

इस वर्ष ढ़ाई लाख रकबे में आच्छादित होगी खरीफ की फसलें, मुख्य रूप से बोया जा रहा है सोयाबीन


इंदौर जिले में इस वर्ष इस माह शुरूआती दौर में हुई वर्षा से खरीफ की बोनी के लिये अनुकूल वातावरण बना है। इसके फलस्वरूप किसानों ने बोनी का काम समय पर शुरू कर दिया था। जिले में वर्तमान में खरीफ की बोनी का काम तेजी से जारी है। जिले में इस वर्ष लगभग ढा़ई लाख हेक्टेयर रकबे में खरीफ की आच्छादित होगी। गत वर्ष खरीफ की बोनी 2 लाख 49 हजार 515 हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी। जिले में इस वर्ष भी सोयाबीन की बुआई मुख्य रूप से की जा रही है। सोयाबीन की फसल 2 लाख 13 हजार 350 हेक्टेयर में लगाने का लक्ष्य हैं। जिले में बोनी का काम लगभग 95 प्रतिशत पूरा हो गया है। कृषि विभाग द्वारा खरीफ की बुआई के मद्देनजर किसानों को खाद, बीज सहित अन्य कृषि आदान उपलब्ध कराने के लिये व्यापक तैयारियां की गई हैं।

      उप संचालक कृषि श्री रामेश्वर पटेल ने बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ की बोनी 2 लाख 49 हजार 984 हेक्टेयर में करने का लक्ष्य है। सोयाबीन के अलावा जिले में 9 हजार 300 हेक्टेयर में मक्का की बोनी भी हो रही है। जिले में इसके अलावा ज्वार, उड़द,  मूंग,  अरहर, तिल, मूंगफली, कपास तथा सागभाजी एवं मसालो की बोनी की जा रही है।

      उन्होने बताया कि जिले में अब तक हुई वर्षा से फसलों की बोनी के लिए अनुकूल वातावरण बन गया हैं। जिले में बोनी का कार्य तेजी से जारी हैं। जिले में 95 प्रतिशत रकबे में बोनी हो चूकी है। कुल लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार हेक्टेयर रकबे में बोनी हो चुकी हैं। इसमें से 2 लाख 8 हजार हेक्टेयर रकबे में सोयाबीन की बोनी की गई हैं। इसी तरह 6 हजार हेक्टेयर में मक्का तथा 625 हेक्टेयर मुंगफली की बोनी हो चूकी है।

      कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री गोपेश पाठक ने बताया कि जिले में कम लागत में अधिक कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिए कृषि विभाग द्वारा सूक्ष्म कार्य योजना बनाई गई हैं। इसके अनुसार किसानों को उनकी मांग के अनुसार समय पर कृषि आदान उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई हैं। जिले में खाद-बीज सहित अन्य कृषि आदानों का पर्याप्त भण्डारण हैं। किसानों से आग्रह किया जा रहा है कि वे बीजो की उपचारित कर ही बोनी करें। वे बीजों के अंकुरण कर परीक्षण भी करें। जिले में इस वर्ष  कल्चर पैकेट वितरण का लक्ष्य भी गत वर्ष की तरह हैं। इसमें राइजोबियम, पीएसबी तथा एजेक्टोबेक्टर शामिल हैं। जिले में 66 हजार 800 मै‍ट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य हैं। अभी तक 35 हजार 715 मैट्रिक टन का भण्डारण हो चुका हैं। किसानों को उनकी मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जा रही हैं। किसानों को अब तक 22 हजार 802 मैट्रिक टन खाद का वितरण किया जा चुका हैं। इसमें यूरिया, पोटाश, डीएपी, सिंगल सुपर फॉस्फेट, 12-32-16 आदि खाद शामिल हैं। जिले में इस वर्ष 93  हजार 815 क्विंटल बीज भी निजी, सहकारी तथा अन्य माध्यम से किसानों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई हैं। खरीफ बीज का जिले में 71 हजार 450 क्विंटल का वितरण किया गया है।

       जिले में शुरूआती दौर में बोई गई फसलों की स्थिति अच्छी है। यह फसलें 10 से 15 दिनों की हो गई है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने खेतों की फसलों पर सतत निगरानी रखें। कीटव्याधि दिखाई देने पर कृषि विभाग के मैदानी अधिकारियों से परामर्श लेकर उपचार की कार्यवाही करें। साथ ही उन्होंने सलाह दी है कि फसलों में डोरा चलाकर निदाई गुड़ाई करें।


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