Type Here to Get Search Results !

केन्द्र सरकार ने जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए मंजूर किए 1280 करोड़ रूपये

1.21 करोड़ ग्रामीण घरों में नल कलेक्शन से पहुँचेगा पेयजल


केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता) ने मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए 1280 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत की गई है। इस राशि से 26.27 लाख ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन देने की कार्य-योजना को मूर्त रूप दिया जायेगा।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने 2020-21 का एक्शन प्लान राष्ट्रीय कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसके बाद कमेटी ने यह राशि मंजूर की है। बकाया राशि के रूप में 244.95 करोड़ और इस वर्ष के केन्द्रीय आवंटन और मिलने वाले राज्य के हिस्से के साथ प्रदेश को इस वर्ष जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिए 3093 करोड़ की राशि उपलब्ध रहेगी।

जल जीवन परिवर्तन मिशन के तहत प्रदेश में 2023-24 तक सभी 1.21 करोड़ ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। वर्तमान में 13.52 लाख ग्रामीण घरों में पहले से ही नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्रालय द्वारा राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन शुरू किया गया है। मिशन का लक्ष्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर गुणवत्ता पूर्ण पेयजल उपलब्ध कराना है। यह मिशन बुनियादी ढ़ांचे के सृजन पर न होकर ''''सेवा वितरण'''' पर आधारित है।

ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में सार्वभौमिक कवरेज की योजना बनाते समय, पानी की कमी वाले क्षेत्र, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, बहुल बस्तियाँ/ गाँवों, आकांक्षात्मक जिले और सांसद आदर्श ग्रामीण योजना गाँव और विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को प्राथमिकता दी जाती है। जल गुणवत्ता प्रभावित बस्तियों में पीने के पानी की आपूर्ति जल जीवन मिशन (जे.जे.एम) के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। प्रदेश में 395 ऐसी बस्तियों में घरेलू नल कनेक्शन और सामुदायिक जल शोधन संयत्रों का प्रावधान किया जाकर ग्रामीणों को पीने योग्य जल उपलब्ध कराया जायेगा।

 जल की गुणवत्ता और सतत निगरानी

जल जीवन मिशन के तहत अग्रिम पंक्ति के आधिकारियों की सक्रिय भागीदारी के माध्यम से जल गुणवत्ता और निगरानी पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम के सभी वर्गों की भागीदारी होगी। इसमें 5 व्यक्ति विशेष कर महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल और कॉलेज के छात्रों को पानी की गुणवत्ता का परीक्षण करने के लिए ''''फील्ड टेस्ट किट'''' का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। हर साल प्रत्येक ऐसे स्त्रोत को एक बार भौतिक और रासायनिक मापदण्डों के लिए और दो बार बैक्टीरियलोलॉजिकल संदूषण के लिए परीक्षण की आवश्यकता होती है


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.