Type Here to Get Search Results !

प्रदेश में बाढ़ आपदा प्रबंधन के लिए आवश्यक तैयारियाँ शुरू

प्रदेश में आने वाले बरसात के मौसम में बाढ़ के दौरान जानमाल पर होने वाले प्रभाव को सीमित करने सभी जरूरी प्रयास किये जायेंगे। मानसून पूर्व बाढ़ से बचाव के लिए मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आवश्यक तैयारी पूर्ण करने के साथ ही इससे होने वाली क्षति को कम करने के लिए विभागीय एवं जिला स्तर पर सभी आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।


गृह विभाग के सचिव एवं समन्वयक मो. शाहिद अबसार ने इस आशय की समग्र कार्यवाही के लिए सभी जिला कलेक्टर्स एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, ऊर्जा, जनसम्पर्क, जल संसाधन, पशुपालन, नगरीय विकास एवं आवास, महिला एवं बाल विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी,मछुआ कल्याण एवं मत्स्य, राजस्व विभाग तथा राहत आयुक्त, नर्मदाघाटी विकास एवं लोक निर्माण सहित पुलिस महानिदेशक एवं महानिदेशक होमगार्डस तथा सिविल डिफेन्स को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।


भारतीय मौसम विभाग के लाँग रेन्ज मानसून फारकास्ट अनुसार इस वर्ष मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। गत वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश में व्यापक रूप से जान-माल की क्षति हुई थी तथा अधिकांश जिलों में राहत बचाव कार्यों में शासकीय और अन्य एजेन्सियों को संलग्न रहना पड़ा था। वर्तमान में कोविड-19 संक्रमण से जनसमुदाय के बचाव का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता का है तथा अधिकतर शासकीय अमला पूर्ण क्षमता से इस कार्य में लगा हुआ है। मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति निर्मित होने पर कोरोना के संक्रमण बचाव कार्य के मद्देनजर राज्य प्राधिकरण के सहयोग से सभी जिलों का जिला आपदा प्रबन्धन योजना तैयार कर इसे जिला प्रशासन को सौंपा जा चुका है। आपदा प्रबन्धन से सम्बन्धित बिन्दुओं पर 15 जून तक सभी कार्यवाही पूर्ण करने को कहा गया है।


बाढ़ संभावित क्षेत्र हुए चिन्हांकित


प्रदेश के विभिन्न स्थानों में जिले का बाढ़ जोखिम मानचित्र, प्रभावित ग्राम, पहुँचविहीन ग्राम तथा प्रभावित होने वाले पुल-पुलियों आदि के बाढ़ संभावित क्षेत्रों की चिन्हांकित कर लिया गया है। म.प्र.राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मानसून के पहले 15 जून तक इस तरह के स्थलों का निरीक्षण कर इन क्षेत्रों के बाढ़ संवेदनशीलता का प्रमाणीकरण करने तथा इनमें संवेदनशील वर्गों की पहचान कर बाढ़ की स्थिति में इन्हें मदद करने की स्थानीय योजना तैयार करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही गत वर्ष में बरसात के दौरान कुछ नए क्षेत्रों में भी निर्मित बाढ़ की स्थिति को दृष्टिगत उन बाढ़ संवेदनशील क्षेत्रों को भी जिला योजना में शामिल करने के लिए कहा गया है।


इंसिडेंट रिस्पौंस टीम-आपदा प्रबंधन समितियों का गठन


जिला, विकास खण्ड और स्थानीय स्तर पर इंसिडेंट रिस्पौंस टीम (स्ट्राइक टीम, टास्क फोर्स) तथा आपदा प्रबंधन समिति का गठन कर आवश्यक कार्यवाही कर निर्देश जारी करने के लिए कहा गया है।


नोडल विभाग का हुआ निर्धारण


जिला स्तर पर बाढ़ प्रबन्धन के लिए विभिन्न कार्यों को करने के लिए नोडल विभाग और नोडल अधिकारियों का निर्धारण कर दिया गया है। योजना में बाढ़ प्रबंधन से सम्बन्धित आवश्यक मानव एवं उपकरण संसाधनों की सूची तैयार कर नोडल विभाग/ संस्था की जानकारी भी दे दी गई है। उपलब्ध संसाधन बाढ़ के दौरान कार्य की स्थिति में है अथवा नहीं तथा आवश्यकतानुसार इनका अपडेशन भी करने के लिए कहा गया है।


बचाव कर्मियों का होगा प्रशिक्षण


जिला आपदा प्रबंधन योजना में बाढ़ आपदा प्रबंधन से सम्बन्धित बचाव कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व तैयारी से सम्बन्धित जन जागृति कार्यक्रम आयोजित होंगे।


बाढ़ मानक संचालन प्रक्रिया अनुसार होगी कार्यवाही


बाढ़ मानक संचालन प्रक्रिया के प्रारूप अनुसार सभी जिला प्राधिकरण इसके अनुरूप जिले का फ्लड एसओपी तैयार कर 38 विभिन्न बिन्दुओं पर 15 जून तक कार्यवाही करने को कहा गया है।


बाढ़ पूर्वानुमान प्राप्त कर चेतावनी/ अलर्ट होगा जारी


नोडल अधिकारी, आईएमडी केन्द्रीय जल आयोग तथा अन्य सहायक एजेंसियों से सम्पर्क स्थापित कर बाढ़ पूर्वानुमान प्राप्त कर चेतावनी/ अलर्ट जारी करेंगे। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त होने वाले वर्षा एवं मौसम पूर्वानुमान के अलावा मेटेरियोलॉजिकल टर्मिनल एअर रिपोर्ट (METAR) द्वारा जारी लघु अवधि की बाढ़ की चेतावनी को जिला आपतकालीन संचालन केन्द्र शहरी बाढ़ नियंत्रण केन्द्र और राज्य बाढ़ िनयंत्रण केन्द्र को जानकारी उपलब्ध करायेंगे। नोडल अधिकारी मेट्रार से प्रत्येक आधा घंटे के अंतराल में भारी वर्षा एवं थंडरस्टॉर्म की जानकारी की समीक्षा कर जिला कलेक्टर, आयुक्त, राहत आयुक्त, बाढ़ कन्ट्रोल रूम और अन्य संबंधित अधिकारियों को उपलब्ध करायेंगे ताकि निर्धारित अवधि में अलर्ट जारी किया जा सके।


शहरी क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन


शहरी क्षेत्रों में बाढ़ प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी दिशा- निर्देश अनुसार आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।


राहत केम्पों का चिन्हांकन एवं तैयारी


बाढ़ प्रभावितों को अस्थाई रूप से रखने के लिए राहत कैम्पों का चिन्हांकन किया जा रहा है। राहत केम्पों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार न्यूनतम मानक निर्धारित होंगे। राहत कैंप में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल डिस्टेसिंग नियमों का पालन सुनिश्चित किया जायेगा।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.