Type Here to Get Search Results !

प्रदेश सरकार खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को सशक्त बनायेगी: मंत्री श्री पटेल

उद्यानिकी फसलों में अपार संभावनाएं मौजूद 


मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है। प्रदेश में विभिन्न प्रकार की फसलों के साथ ही बड़े पैमाने पर उद्यानिकी फसलें भी लगाई जाती हैं। उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में प्रदेश में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रदेश सरकार खाद्य प्र-संस्करण इकाईयों को सशक्त बनाने के लिये कृत-संकल्पित है। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री श्री कमल पटेल ने प्रदेश में कृषि और कृषि व्यापार आधारित अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएचडीसीसीआई की वर्कशॉप को संबोधित कर रहे थे।


मंत्री श्री पटेल ने कहा कि प्रसन्नता की बात है कि पीएचडीसीसीआई के सहयोग से प्रदेश में खाद्य प्र-संस्करण इकाईयों को सशक्त बनाने में सरकार को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कृषि के साथ ही उद्यानिकी फसलों में भी उन्नत तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है, इससे बेहतर और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद प्राप्त हो रहे हैं। खाद्य प्र-संस्करण इकाईयों की स्थापना के साथ ही मार्केटिंग के भी आवश्यक प्रबंध सरकार करेगी, जिससे किसानों को अधिकाधिक लाभ प्राप्त हो सके। प्रदेश सरकार किसानों और उद्योगपतियों को परस्पर एक मंच पर लाने के प्रयास भी कर रही है।


कृषि मंत्री श्री पटेल ने बताया कि सरकार ने किसानों को अपनी फसलों को देश में कहीं भी इच्छानुसार विक्रय करने के लिये मंडी एक्ट में संशोधन किया। किसानों को ई-प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में किसान उत्पादक समूहों का गठन किया जा रहा है। इससे कृषि क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों का विकास और विस्तार हो सकेगा। कृषि आधारित खाद्य प्र-संस्करण इकाईयों के गठन को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।


कृषिगत अर्थव्यवस्था में सुधार के लिये आयोजित कार्यशाला में पीएचडीसीसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री डी.के. अग्रवाल, उपाध्यक्ष श्री संजय अग्रवाल एवं श्री प्रदीप मुल्तानी, अध्यक्ष एग्री बिजनेस श्री एन.के. अग्रवाल, प्रमुख निदेशक डॉ. योगेश श्रीवास्तव, प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रदीप करम्बेलकर और महासचिव श्री सौरभ सान्याल ने भी सहभागिता की।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.