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संभागायुक्त ने ली मेडिकल के अधिकारियों की बैठक कोरोना मरीजों को सर्वश्रेष्ठ उपचार दें जबलपुर |



   संभागायुक्त श्री महेशचंद्र चौधरी ने आज शनिवार को मेडीकल कॉलेज के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक लेकर कोरोना से पीडि़त मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। श्री चौधरी ने बैठक में मेडीकल कॉलेज के कोरोना मरीजों के बेहतर रिकवरी रेट के लिए यहां उपलब्ध उपचार की सुविधाओं और चिकित्सकों की तारीफ भी की। मेडीकल कॉलेज के डीन कार्यालय में आयोजित इस बैठक में डीन डॉ. प्रदीप कसार, डॉ. जीतेन्द्र भार्गव सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
   संभागायुक्त ने बैठक में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए मेडीकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिटी  हॉस्पिटल में उपलब्ध सुविधाओं का ब्यौरा भी लिया। उन्होंने गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजीटिव पाये गये मरीजों को बेहतर से बेहतर उपचार करने तथा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का चिकत्सकों से आग्रह किया ताकि ऐसे मरीजों की भी जान बचाई जा सके।
   श्री चौधरी ने बैठक में निजी अस्पतालों से मरणासन्न हालात में मेडीकल कॉलेज भेजे जाने वाले कोरोना संदिग्ध मरीजों की उपचार के दौरान मृत्यु होने पर निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी भी तय करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मेडीकल कॉलेज के वरिष्ठ चिकित्सक के नेतृत्व में एक दल गठित करने के निर्देश भी दिये जो निजी अस्पतालों की आकस्मिक जांच करेगा और गंभीर बीमारियों से पीडि़त कोरोना संदिग्ध मरीजों को दिये जा रहे उपचार की समीक्षा करेगा। उन्होंने निजी अस्पतालों में रिफर किये गये संदिग्ध कोरोना मरीजों को मेडिकल में भर्ती के समय वहां दिये गये उपचार संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण करने और मेडीकल ऑडिट करने पर भी जोर दिया। संभागायुक्त ने बैठक में कोरोना मरीजों को चिन्हित करने के लिए पूल सेम्पलिंग को प्रोत्साहित करने की जरूरत भी बताई ताकि टेस्टिंग का कवरेज बढ़ाया जा सके। उन्होंने मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब की क्षमता की जानकारी भी बैठक में ली।
   बैठक में बताया गया कि मेडीकल कॉलेज में भर्ती गंभीर बीमारियों से ग्रसित कोरोना पॉजिटीव मरीजों के उपचार में हाईफ्लो ऑक्सीजन केन्यूला मशीन काफी मददगार साबित हो रही है। मेडीकल कॉलेज में इन मशीनों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। इसी तरह बाय पेप मशीन भी 15 से बढ़कर 30 हो गई हैं।
   बैठक में संभागायुक्त ने मेडीकल कालेज के सभी विभागों की ओपीडी और भर्ती मरीजों की संख्या का ब्यौरा भी लिया। उन्होंने मेडीकल उपचार के लिए आने वाले सभी मरीजों को बेहतर उपचार मुहैय्या कराने के निर्देश दिये। बैठक में डीन डॉ. प्रदीप कसार ने बताया कि मेडीकल कॉलेज में जल्दी ही दस-दस हजार लीटर आक्सीजन की क्षमता वाले दो टैंक स्थापित किये जा रहे हैं। इस बारे में एक निजी कंपनी से अनुबंध किया जा चुका है। आक्सीजन टैंकों की स्थापना निजी कंपनी द्वारा ही की जायेगी। उन्होंने बताया कि कंपनी से किया गया अनुबंध में आक्सीजन सप्लाई की दरें प्रदेश में अन्य मेडीकल कॉलेजों की तुलना में सबसे कम है।



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