चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा ने कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभाग के अधिकारियों को दिये निर्देश
चंबल संभाग के कमिश्नर श्री रवीन्द्र कुमार मिश्रा ने कृषि उत्पादन आयुक्त से जुड़े कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों से कहा है कि इन विभागों से जुड़े सभी किसानों को पर्याप्त मार्केटिंग व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इन चारों विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे अपने कार्यो के अतिरिक्त कुछ ऐसे नवाचार तैयार करें, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। उन्होंने कहा कि हमें किसानों की खेती को फायदा का धंधा बनाना है। जिससे वे अपनी आमदनी को दोगुना बढ़ा सकें। इसके लिये किसान को तकनीकी उन्नत खेती के लिये नये नवाचार करना होंगे। उन्होंने उद्यानिक की फसलों को रकवा 10 प्रतिशत बढ़ाने के साथ ही 10 प्रतिशत उद्यानिकी उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में कलेक्टर श्री वीरेन्द्र सिंह रावत, सीईओ जिला पंचायत श्री आईएस ठाकुर, एसडीएम भिण्ड श्री ओमनारायण सिंह, उप संचालक कृषि श्री एसपी शर्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। कृषि विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुये चंबल कमिश्नर श्री मिश्रा ने कहा कि प्रत्येक योजनाओं में शत प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि पेप्टीसाइड़ (कीटनाशक दवाईयां) के लगातार सैम्पल लेते रहे। कमिश्नर ने कहा कि जैसे ही खाद, बीज कीटनाशक दवाईयों के सैम्पल जांच उपरान्त अमानक पाये गये तो उन व्यापारियों के खिलाफ सीधे एफ.आई.आर. दर्ज की जाये। चंबल कमिश्नर ने कृषि, उद्यानिकी से जुड़े अधिकारियों से कहा कि किसानों की समुचित व्यवस्थाओं के लिये हर संभव प्रयास हो, यही किसानों के लिये पीक टाइम है। किसानों कीे इन्ही दिनों में खाद्य बीज और कीटनाशक दवाईयों की आवश्यकता पड़ेगी। यह सभी चीजें उचित गुणवत्ता के साथ किसानों को आसानी से उपलब्ध हो जाये। उन्होंने कहा कि किसान को खाद बीज के लिये भटकना नहीं पड़े। कमिश्नर ने कहा कि बीजोपचार औषधियां अच्छी क्वालिटी का मिले। किसानों का पैसा बरवाद नहीं होना चाहिये। उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने कहा कि उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने किसानों को उन्नत पारंपरिक खेती के साथ फलों, मसाले, मिर्च, आयुर्वेदिक दवाईयों का उत्पादन कराये। जिससे उनकी आर्थिक एवं सामाजिक स्तर सुधर सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि फूड्स बेजीटेबिल में कई प्रकार की बैरायटियां है, इसी तरह ब्रोकल सेजना की पत्तियां आयुर्वेद दवाईयों की प्रोसेसिंग करा लें तो इनका कई गुना वेल्यू बढ़ जाती है। उन्होंने बेजीटेबिल सहित फल-फूल की बिन्डोसोपिंग को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया। कमिश्नर ने कहा कि माइक्रो इरीगेशन पद्धति के उपयोग को बढ़ावा देकर कम पानी से अधिक उत्पादन कर आय में वृद्धि की जा सकती है। उन्होंने उद्यानिकी के क्षेत्र में संरक्षित खेती, शोभायमान, पुष्प जैसे केश क्रोप पर ध्यान देने के साथ अन्य उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा देकर उद्यानिकी को उद्योग के रूप में स्थापित करने पर भी जोर दिया। कमिश्नर ने कृषि से जुड़ी रोपड़ियों के विस्तार करने, इनमें सोलर लाइट, पानी की व्यवस्था के लिये स्टॉप डेम सहित अन्य समुचित व्यवस्थायें करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि भिण्ड जिले में पहली बार डच रोज की खेती कृषकों द्वारा पॉलीहाउस में प्रारंभ की है। उन्होंने पॉलीहाउस स्थापित करने वाले कृषकों की मदद करने पर भी जोर दिया। पशुपालन विभाग की समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने कहा कि जरूरत मंद किसानों को उन्नत नस्ल के पशु उपलब्ध करायें, ताकि उन्हें कृषि के अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो। उन्होंने पशुओं के उचित उपचार उनके वेक्सीनेशन करने पर जोर दिया। कमिश्नर ने मौके पर कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि आपसी समन्वय बनाकर प्रत्येक ब्लॉक के एक-एक गांव में अपनी समस्त विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन करके आइडियल मॉडल गांव बनाये। इन गांव में आयुक्त कृषि उत्पादन की समस्त एक्टीविटीज हो, पूरे कम्पोनेन्ट लागू हो। मत्स्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुये कमिश्नर ने कहा कि किसानों को उद्यानिकी, पशुपालन के साथ-साथ मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिये भी प्रेरित किया जाये। उन्होंने बड़ी-बड़ी माईन्स से बन रहे तालाबों को राजस्व दस्तावेजों में इन्द्राज कराने के लिये कलेक्टर को पत्र लिखने के भी निर्देश दिये ताकि इन माइन्स के तालाबों में स्थानीय स्तर पर मत्स्य पालन किया जा सके। |