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सांझी मेहनत और आपसी सहयोग से बनायी सड़क ग्रामीणों की राह हुई आसान " खुशियों की दास्तां "

लोकतंत्र का मूल आधार जनभागीदारी हैं। विकास कार्यों में जब जनभागीदारी बढ़ती है तो लोकतंत्र उतना ही मजबूत होता है। इंदौर में जनभागीदारी से ढ़ेरों विकास कार्य हो रहे है। इसी में से एक है इंदौर जिले की जनपद पंचायत देपालपुर का हुये सड़क निर्माण का कार्य। ग्रामीणों ने सांझी मेहनत और आपसी सहयोग से सड़क का निर्माण कर विकास की नयी इबारत लिखी है। ग्रामीणों की अब राह आसान हो गयी है।
            देपालपुर में ग्रामीणों ने अपनी परेशानियों से निजात पाने के लिये जनभागीदारी से शांति विहार रोड से तकीपुर रोड तक और देपालपुर बेटमा रोड से सुनेरिया तालाब तक तथा बेटमा रोड से खदान तक लगभग पांच किलोमीटर रोड का निर्माण कर दिया। इसमें 300 ट्राली मुरम  का उपयोग हुअ। ग्रामीणों ने जनसहयोग  से यह रोड  बनवाया  है इसमे नगर के हुकमसिंह ठाकुर, राजेंद्र ठाकुर, संतोष ठाकुर (पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष),पप्पू , हेमसिंह पटेल,महेश , अर्पित पटेल, निरंजन ,पवन , नरेंद्र पटेल,विजय, संजू ,त्रिलोक, विशाल, मोहन,महेंद्र मकवाना, शुभम आदि का विशेष सहयोग रहा। इन्होंने जहाँ आर्थिक रूप से सहयोग किया वहीं दूसरी ओर अपने स्वयं के ट्रैक्टर व ट्राली लगाने के साथ साथ श्रमदान भी किया। शासन को विकास में सहयोग देने के उद्देश्य से इन्होंने जनभागीदारी की नई मिसाल प्रस्तुत की है। लम्बे समय से चली आ रही परेशानियों से निजात पाने के लिये सबने मिलकर सड़क निर्माण किया। सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करते हुये इन्होंने अपने खेतों तक पहुंचने के लिए अलग-अलग 3 स्थानों पर गिट्टी मोरम डाल कर के  सड़क का निर्माण कर लिया। सांझी मेहनत और आपसी सहयोग का लाभ मिला, पांच किलो मीटर लम्बाई की सड़क बन गई। इस सड़क की चौड़ाई 10 फिट है तथा खेत से ऊचाई तीन फिट की है। इस सड़क के निर्माण पर जनसहयोग से पांच लाख रूपये से अधिक का खर्च आया। पहले दो पहियां निकालने में भी परेशानी आती थी। अब राह आसान हुई है। टेक्टर भी आसानी से निकलेगा। किसान अपने खेतों तक सहजता के साथ आ-जा सकेंगे। तथा अपनी उपज को समय पर मण्डी तक पहुंचा पायेंगे।


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