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वर्षा ऋतु में भी मजदूरों को मिलेगा रोजगार, लेबर बजट में की गई वृद्धि

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बारिश के मौसम में भी श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध करवाने के लिये कार्यों का चिन्हांकन किया गया है, जिससे कि श्रमिकों को रोजगार मिलता रहे। सभी जिलों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि बरसात के मौसम में ग्राम पंचायतों के माध्यम से वृक्षारोपण एवं जल-संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता दी जायेगी। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप श्रमिकों को रोजगार देने के लिये मनरेगा योजना की कार्य-योजना में संशोधन कर चालू वित्तीय वर्ष के लेबर बजट को भी बढ़ाया गया है। राज्य शासन द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण हुए लॉकडाउन के दौरान बाहर से वापस आएं प्रवासी श्रमिकों और पूर्व से कार्यरत श्रमिकों को वर्षाकाल में नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मनरेगा की कार्य-योजना में संशोधन कर चालू वित्तीय वर्ष में प्रदेश का पूर्व निर्धारित लेबर बजट 20.50 करोड़ मानव दिवस को बढ़ाकर 34 करोड़ मानव दिवस किया गया है। कुल बजट वृद्धि में अतिरिक्त रूप से 13.50 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित हो सकेंगे। मानसून अवधि में सामुदायिक भूमि पर वृक्षारोपण, निजी भूमि पर फलोद्यान, मंदिर कुंज, हैबिटेट रेस्टोरेशन जैसे कार्य कराने तथा जल-संरक्षण और संवर्धन के कार्यों के तहत कंटूर ट्रेंच, बोल्डर चेकडेम, गेवियन संरचना निर्माण, कैटल शेड, गोट सेट, पोल्ट्री सेट जैसी संरचना निर्माण, गाँव में चारागाह विकास के कार्य, ग्राम पंचायत भवनों आँगनवाड़ी भवन, शासकीय भवनों के लिये पहुंच मार्ग, शालाओं की बाउण्ड्री-वॉल का निर्माण, नाडेप टांका,वर्मी कम्पोस्ट पिट,गौशाला निर्माण जैसे कार्य वर्षा के मौसम में मनरेगा योजना के तहत कराये जा सकेंगे।


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