अमेरिका से लौटी हैं अब मध्यप्रदेश में एक ग्राम पंचायत की सरपंच है।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEizGsl_eQm9YWoPJc5urhiA1ZCi2TAFmo_cRyNv9Hj57mPZeVcOQUnvK0jQcEhFhzOjh8DY8zwPl39ucdM0uNo_yEo3PBUvBL9CicA9XzgUJIPa1ZWUmMDHuUz_bqKzhxifzhZT50zmGVqO/)
अपने साथ हमेशा एक पिस्टल रखती हैं। इनके गांव में बहुत सारे खास काम होते हैं, यहां एक सरपंच योजना चलती है.. किसान को मुआवजा मिलता है। हर आदमी का बैंक अकाउंट है और हर खेत का मृदा कार्ड.. कुछ ही वर्षों में इन्होंने अपने गांव की तस्वीर बदल दी है.. पढ़िए इनकी सफलता की कहानी...![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEidY8DaBZCuGOGUDpHjmniYhyHTw1apRHtaQfU8nZG3kl6oNNUrk48gNIx8kEgcTDHfyDiRLhS4ZEOnfqV5pZK3Bz3q7ou3-d_HRSPibSV098rBPeTZ-XgrDWZqQHeytygR7p5TLnNEOZp9/)
भक्ति शर्मा ने एमए राजनीति शास्त्र से किया है, अभी वकालत की पढ़ाई कर रही हैं। भोपाल जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर बरखेड़ी अब्दुल्ला ग्राम पंचायत है। इस पंचायत की सरपंच भक्ति शर्मा के शौक पुरुषों जैसे हैं। इन्हें ट्रैक्टर चलाना, पिस्टल रखना, अपनी गाड़ी से सड़कों पर फर्राटे भरना, किसी भी अधिकारी से बेधड़क बात करना पसंद है। ये अपनी बोलचाल की भाषा में भी जाता है, खाता है, आता हूँ का प्रयोग सामान्य तौर पर करती हैं। इस पंचायत में कुल 2700 जनसँख्या है जिसमे 1009 वोटर हैं। ओडीएफ हो चुकी इस पंचायत में आदर्श आंगनबाड़ी से लेकर हर गली में सोलर स्ट्रीट लाइटें हैं।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEivwrd49FPD3NtuXYRiLwj56iTQ-QLm1mhOkD_zamTkdlRQNPA_pNCd-Huykiy8Z6nU4JlfchRAi9XU65HKxYlEr3v-LFmtAi5aw0DK4NPBB-0nQnNxP3YSX3CqYH1tEoUDQLnd0ymHwBtM/)
“सरपंच बनते ही सबसे पहला काम हमने गांव में हर बेटी के जन्म पर 10 पौधे लगाना और उनकी माँ को अपनी दो महीने की तनख्वाह देने का फैसला लेकर किया। पहले साल 12 बेटियां पैदा हुई, माँ अच्छे से अपना खानपान कर सके इसलिए अपनी यानि सरपंच की तनख्वाह ‘सरपंच मानदेय’ के नाम से शुरू की।”
भक्ति ने कहा, “हमारी पहली ऐसी ग्राम पंचायत बनी जहाँ हर किसान को उसका मुआवजा मिला। हर ग्रामीण का राशनकार्ड, बैंक अकाउंट, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया। इस समय पंचायत का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है। महीने में दो से तीन बार फ्री में हेल्थ कैम्प लगता है।![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgbAEWan1-uScOk0vZqYGjRvepGAAbFfp2GF7RaOrlTIImEse7eSAA9X27vDThzZ8RNKDIz2VhDriuwDgG2v5mGc4rLOihyphenhyphenIm0qw2YU6Rs2_fHKvvLdsMfuBFmhQHSmBJRxroMLQ247jzhG/)
भक्ति ने कहा, “हमारी पहली ऐसी ग्राम पंचायत बनी जहाँ हर किसान को उसका मुआवजा मिला। हर ग्रामीण का राशनकार्ड, बैंक अकाउंट, मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवाया। पहले साल में 113 लोगों को पेंशन दिलानी शुरू की, इस समय पंचायत का कोई भी बच्चा कुपोषित नहीं है। महीने में दो से तीन बार फ्री में हेल्थ कैम्प लगता है, जिससे पंचायत का हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहे।”
ग्राम पंचायत का कोई भी काम भक्ति अपनी मर्जी से नहीं करती हैं। वर्ष 2016-17 में 10 ग्राम सभाएं हो चुकी हैं, पंचों की बैठक समय-समय पर अलग से होती रहती है। जब ये सरपंच बनी थीं तो इस पंचायत में महज नौ शौचालय थे अभी ये पंचायत ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त हो चुकी है। भक्ति का कहना है, “हमने पंचायत में कोई भी काम अलग से नहीं किया, सिर्फ सरकारी योजनाओं को सही से लागू करवाया है। पंच बैठक में जो भी निर्धारित करते हैं वही काम होता है। ढ़ाई साल में बहुत ज्यादा विकास तो नहीं करवा पाए हैं क्योंकि जब हम प्रधान बने थे उस समय गांव की सड़कें ही पक्की नहीं थी, इसलिए पहले जरूरी काम किए।”
भक्ति ने अपने प्रयासों से अपनी पंचायत को सरकार की मदद से एक बड़ा सामुदायिक भवन पास करा लिया है। भक्ति का कहना है, “आगामी छह महीने में इस भवन में डिजिटल क्लासेज शुरू हो जायेंगी, जो पूरी तरह से सोलर से चलेंगी। इसमें महिलाओं के लिए सिलाई सेंटर, और चरखा केंद्र खुलेगा। किसानों के लिए समय-समय पर बैठकें होंगी, जिससे वो खेती के आधुनिक तरीके सीख सकें। बच्चों के लिए तमाम तरह की गतिविधी होंगी जिससे उन्हें गांव में शहर जैसी सुविधाएँ मिल सकें।”![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiYxHMC-3-M0E-YI-X4h6wlzjxLmTKvVKS7x9BkqGk7Qmyc6vuM5fY-SfbIM7EgnMlkriiBIJUHqvBJCCrCfpsx9jxTGRwAUIglQF3bU537eFqzDpKlo_xMrqW8mnufVvI5ceO9s-63cn9F/)
पंचायत की हर महिला निडर होकर रात के 12 बजे भी अपनी पंचायत में निकल सके भक्ति शर्मा की ऐसी कोशिश है। भक्ति ने कहा, “पंचायत की हर बैठक में महिलाएं ज्यादा शामिल हों ये मैंने पहली बैठक से ही शुरू किया। मिड डे मील समिति में आठ महिलाएं है। महिलाओं की भागीदारी पंचायत के कामों में ज्यादा से ज्यादा रहे जिससे उनकी जानकारी बढ़े और वो अपने आप को सशक्त महसूस करें।”![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgWtI3mrZA3c1m8YKTuktAIFS_lAdeIxQ6OPde7YrDk2LaXF2ccQJ_D8WCwfvCa5ATDGV_ClFPrfX1vi1JpL2GqrWN5XlnhIjEKsT7WJCKGZx8br0hNHvI9PNvyz5I1PzGDCbnz9BZslixo/)
पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से ग्राम पंचायत में पानी की बहुत समस्या है। पीने के पानी के लिए तो सबमर्सिबल लगा है लेकिन खेती को समय से पानी मिलना थोड़ा मुश्किल होता है। भक्ति का कहना है, “जिनके पास 10-12 एकड़ जमीन है, हमारी कोशिश है वो हर एक किसान कम से कम एक एकड़ में जैविक खेती जरुर करें। बहुत ज्यादा संख्या में तो नहीं लेकिन किसानों ने जैविक खेती करने की शुरुआत कर दी है।”
कोई प्रधान है जो इसके लिए आगे आये ?.......
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