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दूध और अन्य उत्पादों की बिक्री बढ़ाएं

संभागायुक्त ने दुग्ध संघ के कार्यों की समीक्षा की













साँची दूध सहित अन्य प्रोडेक्ट को घर-घर तक पहुँचानें के लिए नई मार्केटिंग रणनीति अपनाई जाएगी। साँची दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और उत्पादन में बढ़ौत्तरी के साथ अब उपभोक्ताओं में विश्वास पैदा कर बिक्री बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे। संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत ने आज भोपाल दुग्ध संघ और दूध के थोक विक्रय प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर तत्काल प्रयास प्रारंभ करने के निर्देश दिए है। बैठक में भोपाल दुग्ध संघ के सीईओ श्री के.के. सक्सेना उपस्थित थे। 

संभागायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि ग्राहकों के समक्ष दूध की गुणवत्ता बताई जाए। उन्होंने कहा कि बूथ संचालकों को हिदायत दी जाए कि वे अन्य उत्पादन के साथ दूध विक्रय को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि आगामी एक माह में दूध संचालकों की सेल नहीं बढ़ती है तो उनके क्षेत्र में और बूथ खोले जाएं। उन्होंने थोक एजेंट्स से कहा कि वे घर-घर जाएं और विक्रय बढ़ायें। श्री कियावत ने दुग्ध संघ के सीईओ को निर्देश दिए कि सभी बूथ का रंग-रोगन करायें और स्थायी बोर्ड लगायें। उन्होंने कहा कि साँची पार्लर की पहचान उभर कर आना चाहिए। संभागायुक्त ने विक्रेताओं के आव्हान पर गंभीरतापूर्वक निर्णय करने का आश्वासन भी दिया। 

श्री कियावत ने कहा कि दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में और अधिक बढ़ौत्तरी की जाए। लक्ष्य अनुरूप दुग्ध उत्पा दन को 4.5 लाख लीटर प्रतिदिन तक बढ़ाया जाए। इसके लिए साँची पार्लर सहित विभिन्न विक्रय केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में दूध से बनी सामग्रियों का विक्रय करना सुनिश्चित करें। आगामी 10 दिवसों में दुग्ध उत्पादन की बिक्री 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। 

श्री कियावत ने कहा कि आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत दूध से बनी विभिन्न सामग्रयिों की खपत में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि साँची दुग्ध संघ को 11 जिलों के माध्यम से दूध की आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है। इससे प्रतिदिन 4 लाख 50 हजार लीटर की खपत प्रतिदिन होती है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते पूर्व में दूध का उत्पादन 2.50 लाख लीटर से 3.40 लाख लीटर प्रतिदिन तक किया जा रहा था। लेकिन वर्तमान में बाजार सहित अन्य दुकानें खोली जा रही है जिससे अब दूध उत्पादन में बढ़ौत्तरी की जाए। 

श्री कियावत ने बताया कि भोपाल स्मार्ट सिटी स्थित जियो मैपिंग के माध्यम से जिले के 85 वार्डों में स्थित साँची पार्लरों और उपभोक्ता की मैपिंग कराई गई है। जिसके माध्यम से दूध सहित अन्य पदार्थों की बिक्री सुनिश्चित करें। उन्होंने दुग्ध समितियों के शत-प्रतिशत सदस्यों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। जिससे उन्हें 0 प्रतिशत ब्याज पर वित्तीय मदद से भूसा एवं चारा मिल सकेगा। उन्होंने निर्देश दिए कि समितियों के निष्क्रिय सदस्यों को सक्रिय करने के लिए उनके बीच जाकर उनकी समस्याओं का पता लगायें और हर संभव मदद कर उन्हें दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार करें




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