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"गंदगी भारत छोड़ो-मध्यप्रदेश"अभियान में 35 लाख नागरिक बने सहभागी

378 नगरीय निकायों में 16 से 30 अगस्त तक चला अभियान


देश में "गंदगी भारत छोड़ो-मध्यप्रदेश" अभियान में 378 नगरीय निकायों में 16 से 30 अगस्त तक चले वृहद अभियान में लगभग 35 लाख नागरिकों की सहभागिता रही। प्रधानमंत्री के आह्वान को मूर्त रूप देने के लिये नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने इस अभियान को जन अभियान बनाने के निर्देश दिये। अभियान को 5 थीम में बांटकर कार्य किया गया। 
   अभियान में 7 लाख से अधिक नागरिकों ने स्वच्छता की शपथ ली। शहरों की विभिन्न बस्तियों में 2 लाख 80 हजार नागरिकों से संपर्क कर स्वच्छता का महत्व बताया गया। गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाने के लिये 8 लाख 70 हजार नागरिकों से संपर्क किया गया और इस कार्य में लगे 18 लाख 35 हजार नागरिकों को सम्मानित किया गया। मास्क जागरूकता अभियान में झुग्गी-बस्तियों में नागरिकों के सहयोग से 4 लाख 65 हजार मास्क वितरित किये गये। लगभग 10 हजार कोरोना वारियर्स स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित किया गया है। शहरी स्वच्छता के लिये 3 लाख 98 हजार नागरिकों ने ऑनलाइन फीडबेक दिया।


पॉलिथिन कैरी-बैग के विरूद्ध कार्यवाही में बने 18,560 चालान

   अभियान के अन्तर्गत 7 हजार 178 बस्तियों में जागरूकता कार्यक्रम किये गये। पॉलिथिन कैरी-बैग के विरूद्ध कार्यवाही में कुल 18,560 चालान बनाये गये। शहरों के 1,548 ऐसे स्थान जहाँ पर नागरिक और व्यापारी कचरा डालते थे, उनकी सफाई करने के साथ ही सौन्दर्यीकरण भी किया गया। क्वारेंटाइन केन्द्रों और शौचालयों की सफाई की गई।
   अभियान में नागरिकों की भूमिका का विस्तार और उन्हें अधिक जिम्मेदारी देने, सामाजिक सरोकारों के विषयों पर संवेदनशील बनाने, स्वच्छताकर्मियों के लिए सकारात्मक वातावरण निर्माण और स्वच्छता में जन भागीदारी बढ़ाने के प्रयास किये गये।


होगी रैंकिंग

   नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री सिंह के निर्देशानुसार स्वच्छता अभियान में किये गये कार्यों के आधार पर नगरीय निकायों की रैंकिंग की जाएगी। अच्छी रैंकिंग में आने वाले निकायों को मुख्यमंत्री से सम्मानित करवाया जायेगा।


अभियान की 5 थीम

   अभियान को 5 थीम में बांटा गया था। पहली थीम थी-स्वच्छता शपथ और व्यक्तिगत शौचालयों की साफ-सफाई एवं रख-रखाव। दूसरी-अनुपयोगी वस्तुओं और प्लास्टिक का रिसायकल, रियूज, रिड्यूज के साथ सिंगल यूज प्लास्टिक को रिफ्यूज करते हुए शहरी कचरे के उत्सर्जन में निरंतर कमी लाना। तीसरी-कोविड परिस्थितियों में स्वच्छता, बायोमेडिकल कचरे, उपयोगित मास्क का निपटान, सेनिटाइजेशन और कोविड क्वारेंटीन केन्द्रों की साफ-सफाई और उनके शैचालयों के लिये विशेष स्वच्छता अभियान। चौथी-घरों से निकलने वाले कचरे के स्त्रोत पर पृथक्कीकरण करना और घरों से निकलने वाले हानिकारक कचरे जैसे सेनेटरी पैड, डायपर्स और दवाओं आदि को सामान्य कचरे में जाने से रोकने के लिये जागरूकता और पाँचवी थीम थी-सार्वजनिक स्थानों और सार्वजनिक शौचालयों के लिये विशेष स्वच्छता अभियान का संचालन करना। प्रत्येक थीम का लक्ष्य अधिक से अधिक नागरिकों तक पहुँचना और जागरूक करना था।


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