प्रमुख सचिव पीएचई श्री मलय श्रीवास्तव ने निर्देश दिये हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के सभी पेयजल स्त्रोतों को जीवाणु रहित किये जाने की कार्यवाही तुरंत की जाए। साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नल-जल प्रदाय योजना बंद होने पर उसे भी तुरंत चालू करवाया जाए। श्री श्रीवास्तव प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों के मैदानी विभागीय अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये समीक्षा कर रहे थे।
प्रमुख सचिव ने हिदायत दी कि ऐसे क्षेत्रों में जहां किन्हीं कारणों से नलकूप अथवा नल-जल प्रदाय योजना से पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, उन स्थानों पर संबंधित जनपद के सीईओ से सम्पर्क कर आमजन को टैंकरों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर तत्काल खराब ट्रांसफार्मर भी बदलवाएँ। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक प्रभावित जिलों में पेयजल शुद्धिकरण के लिये सोडियम हाइपो क्लोराइड पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है।
बाढ़ नियंत्रण कक्ष
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा राज्य स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना प्रमुख अभियंता कार्यालय जल भवन बाणगंगा में की गई है। बाढ़ से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिये नियंत्रण कक्ष के दूरभाष- 0755-277-9417 पर संपर्क किया जा सकता है।