चिकित्सा शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई म.प्र.-सह-चिकित्सीय परिषद की वार्षिक बैठक
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री विश्वास सारंग ने कहा है कि रोजगारोन्मुखी पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देकर प्रारंभ किया जाये, जिससे प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाये जा सकें। मंत्री श्री सारंग मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद की 22वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि पंजीकृत-सह-चिकित्सीय कर्मी को उनकी योग्यता के अनुसार विभागों में कार्य दिया जाये एवं उनकी योग्यता अनुसार अतिरिक्त अंक दिये जायें। सभी पंजीकृत-सह-चिकित्सीय कर्मी का एक राज्य रजिस्टर तैयार किया जाये और रजिस्टर में रोजगार संबंधी जानकारी शामिल की जाये।
श्री सारंग ने कहा कि वित्त संबंधी कार्यों के लिये वित्तीय समिति का निर्माण किया जाये, जिससे कि परिषद के वित्तीय कार्यों का सुचारु संचालन हो सके। उन्होंने परिषद कार्यालय के उपयोगार्थ रिक्त भूमि पर कौंसिल के भवन निर्माण करवाये जाने के लिये निर्देशित किया। भवन निर्माण संबंधी सभी औपचारिकताएँ दो माह में पूर्ण कर भवन निर्माण संबंधी कार्य प्रारंभ करने के निर्देश भी दिये।
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि पैरामेडिकल कार्यों के सफलतापूर्वक संचालन के लिये समितियों का निर्माण किया जाये। परिषद में 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी सदस्य के रूप में रखा जाये, जिससे नये नित सामाजिक विचारों से परिषद अवगत हो सके। उन्होंने कहा कि पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों की गुणवत्ता एवं पंजीकृत पैरामेडिक्स की गुणवत्ता का ध्यान रखा जाये।
मंत्री श्री सारंग ने परिषद में तकनीकी कार्यों की गुणवत्ता एवं उन्नयनता के लिये शासकीय आई.टी. संस्थान मैप आईटी, एनआईसी, एम.पी. ऑनलाइन के योग्य व्यक्तियों को शामिल कर तकनीकी कार्यों के लिये एक समिति का निर्माण करने को कहा। बैठक में परिषद कार्यालय के लिये वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पारित किया गया। इस मौके पर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री निशांत वरवड़े और संचालक डॉ. उल्का श्रीवास्तव उपस्थित थीं।