उमरिया जिले के बैगा एवं कोल जनजाति की लोक कथाओं एवं लोक परम्पराओं को संरक्षित करने के लिये अभिनव प्रयास 'परिपाटी' के तहत लेखन प्रतियोगिता आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रतियोगिता में विद्यालयों में अध्ययनरत बैगा एवं कोल जनजाति के विद्यार्थी अपने परिजनों, वरिष्ठों तथा समाज के प्रमुख लोगों से जानकारी संकलित कर अपने विद्यालय में लेख प्रस्तुत करेंगे।
उमरिया जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा एवं कोल जनजाति के लोगों की खासी संख्या है। ये जन जातियां प्रकृति प्रेम, संस्कृति संरक्षण एवं विशिष्ट लोक परम्पराओं को संरक्षित कर रही हैं। इन लोक परम्पराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित करने के उद्देश्य से 'परिपाटी' कार्यक्रम के तहत स्कूली विद्यार्थियों के माध्यम से संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही इन जनजाति बच्चों की उनकी समृद्ध लोक संस्कृति के प्रति रूचि जागृत करना और बच्चों में लिखने एवं पढ़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना भी है।
चयनित रचनाओं के प्रकाशन किये जाने का भी निर्णय लिया गया है। प्रतियोगिता का आयोजन जिले भर में 10 सितंबर तक किया जा रहा है। चयनित छात्रों को 25 सितंबर को पुरस्कृत किये जाने का भी निर्णय लिया गया है।