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सीजनल बीमारियों की रोकथाम और उपचार के निर्देश

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन ने मैदानी अमले को निर्देश दिये हैं कि मौसम में बदलाव के कारण स्वाईन फ्लू सीजनल इन्फ्लूएन्जा (एच-1 एन-1) के प्रकरण की संभावना होती है। अपने क्षेत्रों में सतर्क रहें एवं संभावित सीजनल इन्फ्लूएन्जा के मरीजों की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार एवं रोकथाम के लिये दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। सीजनल इन्फ्लूएन्जा की रोकथाम व उपचार के लिये भारत सरकार द्वारा दी गई गाइडलाइन का पालन व कार्यवाही करवाना सुनिश्चित करें। विशेषकर हाई रिस्क प्रकरणों जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, किसी भी घातक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के फ्लू होने पर अधिक सतर्क रहें तथा विशेष ध्यान दें और पूर्व में दिये गये निर्देशों के अनुसार उपचार आरंभ करें। जिन स्थानों में एआरआई के प्रकरण ज्यादा आ रहे हैं वहाँ सर्वे करें।


   निर्देश दिये गये हैं कि जिला, ब्लॉक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर होने वाली मासिक एवं साप्ताहिक बैठकों में समस्त स्वास्थ्य कर्मियों को सीजनल इन्फ्लूएन्जा की रोकथाम एवं उपचार संबंधी जानकारी से अवगत कराया जाये। प्रतिदिन दो बार फीवर क्लीनिक में सर्दी-खांसी मरीजों की रिपोर्ट राज्य सर्विलेंस इकाई को भेजें तथा क्लीनिक में रिकार्ड कीपिंग के लिये पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की जाये जिनके द्वारा स्क्रीनिंग में संधारण किया जाये जिसके माध्यम से मरीजों का फॉलोअप किया जाना सुनिश्चित करें। मरीजों को सीजनल इन्फ्लूएन्जा की जानकारी के लिये पम्पलेट वितरित किये जायें। सीजनल इन्फ्लूएन्जा के लिये औषधियों एवं सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

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