कोरोना संकमण के चलते इन्दौर जिले में कुछ गतिविधियाँ पूर्व में विनियमित किए जाने से शिथिल j
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह ने कोरोना वायरस के चलते समय-समय पर विभिन्न प्रतिबंध लगाये थे। अब उनके द्वारा भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144 के तहत कुछ छूट प्रदान की है।
जिले में कोरोना वायरस के चलते समय-समय पर धारा-144 दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 के तहत कुछ गतिविधियों को विनियमित किया जाता रहा है । मध्यप्रदेश शासन गृह सी विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल के आदेश गत 24 दिसम्बर 2020 के तारतम्य में पूर्व में जारी आदेशों में संशोधन करते हुए निम्नानुसार आदेश जारी किया गया है।
इन्दौर नगर निगम क्षेत्र तथा महू कन्टोनमेंट एवं नगरीय क्षेत्र में दुकानें और व्यवसायिक संस्थान, रेस्टोरेंट एवं कार्यालय पर रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजें तक बंद रखने संबंधी आदेश एतद् द्वारा निरस्त किया जाता है अर्थात दूकानें, व्यवसायिक संस्थान, रेस्टोरेंट एवं कार्यालय आदि श्रम विभाग द्वारा जारी आदेशों एवं निर्देशों के तहत पूर्ववत खोले जा सकेंगे।
विभिन्न कोचिंग संस्थानों की गतिविधियों में पूर्व में प्रतिबंध लगाकर बंद रखा गया था। इसमें संशोधन करते अब कोचिंग संस्थान उनमें बैठने की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत की क्षमता के आधार पर संचालन किये जाने कि अनुमति इस शर्त पर प्रदान की जाती है कि कोचिंग प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र और छात्राओं के अभिभावक की लिखित सहमति कोचिंग संचालक के पास कोचिंग संस्थान में अनिवार्य रूप से निरीक्षण के दौरान उपलब्ध रहनी चाहिए। बिना अभिभावक की लिखित अनुमति के अथवा 50 प्रतिशत की क्षमता से अधिक की क्षमता पर छात्र-छात्राओं को कोचिंग दिए जाने पर ऐसी कोचिंग संस्थानों पर छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा को देखते हुए बंद कराए जाने हेतु क्षेत्रीय सब डिविजन मजिस्टेट को अधिकृत किया जाता है। सभी एस.डी.एम. इस हेतु कोचिंग संस्थानों को निरीक्षण करते रहेगें तथा उल्लंघन पाए जाने पर आवश्यक दण्डात्मक आदेश अपने स्तर से जारी कर सकेंगे।
31 दिसम्बर 2020 की मध्यरात्रि के आयोजनों के संबंध में
पूर्व वर्षों की भांति मैरीज गार्डन अथवा अन्य खुले क्षेत्रों में डी.जे/ डिस्को आदि की व्यवस्थाएं करते हुए होने वाले बड़े आयोजनों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध रहेगा।
ऐसे समस्त स्थल, जो रेस्टोरेंट अथवा बार के रूप में खाद्य पदार्थ देने हेतु नियमित रूप से संचालित हो रहे हैं, वहा पर पूर्व में निर्धारित कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए उपलब्ध बैठक क्षमता तक ही ग्राहकों को लिया जा कर 31 दिसम्बर 2020 को अपना संस्थान संचालित सकेंगे। ऐसे रेस्टोरेंट/बॉर आदि में मात्र संगीत आदि का कार्यक्रम किया जा सकेगा तथा पृथक से डी.जे. अथवा डिस्को आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी।
रेस्टोरेंट के उपलब्ध खुले क्षेत्र में उस क्षेत्र की क्षमता के 50 प्रतिशत क्षमता तक कुर्सिया लगाई जा कर आमजन को खाद्य पदार्थ दिया जा सकेगा। इन खुले क्षेत्रों में मात्र संगीत का कार्यक्रम हो सकेगा तथा डी.जे. अथवा डांस हेतु डिस्को आदि की व्यवस्थाएं नहीं की जा सकेगी इन सब आयोजनों में कोविड संबंधी समस्त सावधानियां जैसे-सेनेटाइजर, मास्क आदि का पालन कराना रेस्टोरेंट स्वामी के लिए अनिवार्य रहेगा। 31 दिसम्बर को कोई भी ऐसा कार्यक्रम नहीं किया जा सकेगा, जिसमें पृथक से कोई टिकिट लगाया जा सके अथवा इन्दौर से बाहर से कोई कलाकार बुलाकर पृथक से कोई कार्यक्रम आयोजित हो सके ।
सभी रेस्टोरेट स्वामी अथवा बॉर संचालक (एफएल-2, एफएल-3 अथवा एफल-5) लाइसेंस धारी आबकारी संचालक का यह दायित्व होगा कि वे लाइसेंस की सभी शर्तो का पालन करे तथा 21 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं को ऐसे स्थलों पर प्रवेश नहीं दिया जाए। अगर यह पाया जाता है कि उपरोक्त वर्णित युवा वर्ग को आबकारी लायसेस धारियों द्वारा शर्तों का उल्लघन कर प्रवेश दिया गया अथवा शराब परोसी गई, ऐसी स्थिति में क्षेत्रीय एस. डी.एम. को यह लायसेस स्थगित करने के (कलेक्टर के अनुमोदनसे) अधिकार प्रत्यायोजित किये गये हैं तथा क्षेत्रीय एस.डी. एम. ऐसे सस्थानों पर बॉर संबंधी समस्त संचालन गतिविधियों को क्षेत्रीय पुलिस एवं आबकारी अमले के सहयोग से बंद करवायेंगे।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील रहेगा। उक्त आदेश का उल्लंघन भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी में आयेगा । शेष आदेश एवं उसमें समय-समय पर दी गई छूट पूर्ववत लागू रहेगी।