सड़क दुर्घटना की जाँच में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करें : एडीजी श्री सागर
मोटर व्हीकल एक्ट 2019 का सख्ती से पालन कराने पर निश्चित ही सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयेगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य श्री संजय मित्रा ने रोडमैप टू रोड शेफ्टी : राइट्स एण्ड डयूटीज विषय पर आयोजित 6 दिवसीय ऑनलाईन कार्यशाला के तीसरे दिन संबोधित करते हुए यह बात कही। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पीटीआरआई) श्री डीसी सागर ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की जाँच में फॉरेंसिक जाँच एवं उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाना जरूरी है।
वर्कशाप को संबोधित करते हुए श्री मित्रा ने कहा कि संशोधित अधिनियम-2019 के परिपालन से लोगों में यातायात नियमों के प्रति अनुशासन आता है। उन्होंने तमिलनाडु एवं तेलंगाना का उदाहरण देते हुए बताया कि इस एक्ट के पालन से राज्यों में न केवल सड़क दुर्घटनाओं में बल्कि दुर्घटना में मृतकों की संख्या में भी कमी आई है। उन्होंने ट्रेफिक नियमों के आदतन उल्लंघनकर्ताओं का डाटाबेस भी तैयार करने को कहा। श्री मित्रा ने कहा कि ब्लेक स्पॉटस के चिन्हांकन के उपरांत दुर्घटनाओं को रोकने के लिये अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाओं को बनाना जरूरी है।
एडीजी श्री सागर ने वर्कशॉप के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में पुलिस द्वारा की जाने वाली जाँच में फोरेंसिक साइन्स एवं अन्य उन्नत टेक्नॉलॉजी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाना चाहिए। इससे दुर्घटना के आरोपियों के विरूद्ध साक्ष्य प्रस्तुत कर पीड़ितों को न्याय सहजता पूर्वक दिलाया जा सकेगा। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों एवं सड़क सुरक्षा से जुड़ी हुई सभी नोडल एजेंसियों को ब्लेक स्पॉट्स के चिन्हांकन एवं उन स्थानों पर होने वाली दुर्घटानाओं को रोकने के लिये रेक्टीफिकिशेन के कार्य को शीघ्रतापूर्वक करने के लिये कहा। श्री सागर ने क्रेश इन्वेस्टिगेशन और पुलिस इन्वेस्टिगेशन में अंतर समझाया।
ऑनलाइन वर्कशॉप में प्रदेश के विभिन्न जिलों के सभी पुलिस अधिकारी और नोडल एजेन्सियों के अधिकारी सम्मिलित हुए।