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मैं अमर शहीदों की चारण, उनके यश गाया करती हूँ - मंत्री सुश्री ठाकुर

 देशभक्तिपूर्ण कविता, स्लोगन, चित्र और रचनाओं के लिए बच्चों को पुरस्कृत किया

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर ने राष्ट्रभक्ति के अपने जज्बे को ख्यातनाम कवि श्रीकृष्ण सरल की पंक्तियों के माध्यम से अभिव्यक्त करते हुए कहा कि 'मैं अमर शहीदों की चारण, उनका यश गाया करती हूँ, जो कर्ज राष्ट्र ने खाया है, मैं उसे चुकाया करती हूँ।'' यह जरूरी है कि हम आने वाली पीढ़ी को देशभक्ति और राष्ट्रवाद के पाठ पढ़ायें।

मंत्री सुश्री ठाकुर आज शौर्य स्मारक में स्वाधीनता संग्राम पर आधारित ऑनलाइन प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण के अवसर पर बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हमने अपने बच्चों का क्रांतिकारियों की वीरगाथाओं से परिचय नहीं कराया है। आजादी के 70 सालों में यह हम सबकी बड़ी त्रुटि रही है। संस्कृति मंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ी का देश के सच्चे हीरो क्रांतिकारियों के बारे में जानना जरूरी है।

मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि उस दौर में बलिदान जरूरी था पर आज राष्ट्र को प्रगति के पथ पर अग्रसर करने के लिये हमें सन्नद्ध होना चाहिये। उन्होंने आव्हान किया कि नवयुवा पीढ़ी राष्ट्र और समाज के प्रति अपने कर्तव्य को भली प्रकार निभाने के लिये प्रतिबद्ध बने। कार्यक्रम में स्वराज संस्थान संचालनालय के श्री संजय यादव भी मौजूद थे।

उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग तथा स्वराज संस्थान संचालनालय द्वारा स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में युवाओं, विद्यार्थियों और बच्चों में स्वाधीनता संग्राम के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई थीं, जिनके परिणाम शुक्रवार को घोषित किये गये।

मुख्य अतिथि मंत्री सुश्री ठाकुर ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। संगीत प्रतियोगिता में पल्लवी तिवारी सिवनी को प्रथम, नाट्य लोक संस्था ग्रुप सांग में (मुस्कान सोनी जबलपुर) द्वितीय, अंकित मालवीय तृतीय को पुरस्कृत किया गया। देशभक्तिपूर्ण कविता लेखन प्रतियोगिता में मनाली देशपांडे भोपाल, प्रज्ञा घनघोरिया ग्वालियर, श्रीयम सिंह बघेल उमरिया को क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार प्रदान किये गये।

'स्वाधीनता संग्राम के रणबाँकुरों के चित्रों को पहचानें'' प्रतियोगिता में (विद्यालयीन स्तर पर चयनित प्रतिभागी) सुधांशु जोशी झाबुआ प्रथम, तनीषा महोबा इटारसी द्वितीय तथा अर्पित चतुर्वेदी महू तृतीय स्थान पर रहे।

'स्वाधीनता संग्राम के रणबाँकुरों के चित्रों को पहचानें'' (महाविद्यालयीन स्तर पर) में सार्थक रोहतगी भोपाल, रश्मि चौहान रायसेन, फरहीन कुरैशी सिवनी को पुरस्कृत किया गया।

स्वाधीनता केन्द्रित प्रेरक स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में विद्यालयीन स्तर पर शिवानी तोमर मुरैना, साहिल साहू जबलपुर तथा निकुंज राठौर इंदौर प्रथम तीन स्थानों पर रहे।

स्वाधीनता केन्द्रित प्रेरक स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में महाविद्यालयीन स्तर पर कोमल चक्रवर्ती राजगढ़, आकांक्षा जैन दमोह तथा प्रांजलि तिवारी रीवा पहले तीन स्थानों पर रहे।

इनके अलावा अनेक प्रतिभागियों को प्रोत्साहन पुरस्कार भी प्रदान किये गये।

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