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मोटर-व्हीकल एक्ट का पालन सख्ती से सुनिश्चित करायें - जस्टिस श्री सप्रे

 इन्वेस्टिगेशन में हेडन्स के सिद्धांतों का पालन करें - एडीजी श्री सागर 

 सड़क सुरक्षा के लिये 6 दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप प्रारंभ----

चेयरमेन, सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी, जस्टिस श्री अभय मनोहर सप्रे ने 'ए रोडमेप टू रोड सेफ्टी : राइट्स एण्ड ड्यूटीज'' विषय पर आयोजित 6 दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी-कर्मचारी सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये मोटर-व्हीलकल एक्ट-1935 के नियमों का पालन कराया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने वर्कशॉप में सम्मिलित सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे वर्कशॉप में शामिल होने वाले फैकल्टी से बेबाकी से प्रश्न कर उनके समाधान प्राप्त करें। साथ ही वर्कशॉप से हासिल की गई जानकारियों का उपयोग मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं एवं उससे होने वाली क्षति को रोकने में करें।

जस्टिस श्री सप्रे ने कहा कि मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये मोटर-व्हीकल एक्ट में किये गये कानूनी प्रावधानों के मुताबिक सख्ती से कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें। इसके लिये आधुनिक तकनीक का भी अधिकतम उपयोग किया जाये। उन्होंने कहा कि ओवर स्पीडिंग, शराब पीकर ड्रायविंग, बगैर हेलमेट और सीट बेल्ट लगाये वाहन चलाने पर ठोस कार्यवाही कर सड़क दुर्घटनाओं और उनमें होने वाली क्षति में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। सड़क दुर्घटनाओं से बचाव और राहत कार्य में मददगारों के लिये किये गये कानूनी प्रावधानों का प्रचार-प्रसार आम जनता में जागरूकता के लिये नियमित रूप से किया जाना जरूरी है। श्री सप्रे ने कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रकरणों में किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें। हमें हर हाल में लोगों की जिंदगियाँ बचानी हैं। अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिये जज्बाती होकर जुनून के साथ कार्य करना है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान श्री डी.सी. सागर ने ऑनलाइन वर्कशॉप के द्वितीय सत्र को संबोधित करते हुए सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिये हेडन्स के सिद्धांतों का पालन करने को कहा। उन्होंने विस्तार से हेडन्स के सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। श्री सागर ने इन्वेस्टिगेशन में प्री-क्रेश, क्रेश और पोस्ट-क्रेश इन्वेस्टिगेशन गंभीरता से करने को कहा। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये जरूरी है कि उनके कारणों की पूर्ण पड़ताल की जाये, जिससे कि भविष्य में उन्हीं कारणों से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके। दुर्घटना होने के पश्चात जिला-स्तरीय कमेटियों को संजीदगी से मौका-मुआयना करना ही चाहिये। दुर्घटना के कारणों के निवारण के उपाय सुनिश्चित किये जाने चाहिये। एडीजी श्री सागर ने कहा कि पीड़ितों को यथा-संभव तरीके से शीघ्रतिशीघ्र मुकम्मल इलाज मुहैया कराना चाहिये।

मंगलवार 12 जनवरी को प्रथम सत्र में परिवहन आयुक्त श्री मुकेश जैन 'इम्पलीमेंटिंग विजन-जीरो इन मध्यप्रदेश'' विषय पर संबोधित करेंगे। द्वितीय सत्र को आईआईटी मद्रास के प्रो. गीतम तिवारी 'डिजायनिंग सेफ हाईवेज'' विषय पर संबोधित करेंगे। पहले दिन ऑनलाइन वर्कशॉप में प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सड़क सुरक्षा से संबंधित सभी नोडल एजेंसियों के अधिकारी सम्मिलित हुए।

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