Type Here to Get Search Results !

आदिवासी विकासखण्डों में प्रमुखता से सिंचाई परियोजनाएँ बनाई जाएँ

 छोटी सिंचाई परियोजना को प्राथमिकता से बनाएँ 

जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने विभाग का रोड मैप बनाने के निर्देश दिए----

जल संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने  विभाग  की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए कि आदिवासी विकासखण्डों में छोटी सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता से बनाया जाए जिससे आदिवासी क्षेत्रों में छोटी जोत के खेतों मे आसानी से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जा सके। अन्य  विभागों के साथ समन्वय में जल संवर्धन योजना भी शुरू करने पर विचार करें। 

 श्री सिलावट ने कहा कि नए वर्ष में जलसंसाधन विभाग का रोड मैप बनाया जाए जिससे मप्र के समन्वित विकास में बेहतर भूमिका निभाई जा सके। जल संसाधन  विभाग आने वाले समय में बनने वाले बांध और अन्य परियोजनाएँ बनाते समय आगामी 50 वर्ष की आवश्यकता को ध्यान में रखकर कार्ययोजना बनाएं।  इसके साथ ही प्रदेश  के बांधों और नहरों का ऑडिट  और वर्तमान उपयोगिता रिपोर्ट बनाएं जिससे परियोजना की लागत और आवश्यकता अनुसार कार्य कराया जा सके। 

  सभी अधिकारी सप्ताह में 3 दिन फील्ड में रहकर, निर्माणाधीन परियोजनाओं का निरन्तर निरीक्षण हो और सभी काम समय-अवधि में पूरे किए जाएं। इसके लिए विभाग की ओर से सभी परियोजनाओं का  समयबद्ध चार्ट भी बनाया जाए।

समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, अपर सचिव श्री विकास नरवाल, प्रमुख अभियंता  श्री डावर और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 

 मंत्री श्री सिलावट ने प्रदेश में जल संचयन  और संरक्षण अभियान के लिए कार्ययोजना बनाए जाने और नदी पुनर्जीवन अभियान के लिए भी जिला स्तर पर कार्य योजना बनाए जाने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही विभाग के सभी तालाबों का गहरीकरण, पौधारोपण और अन्य इसी प्रकार के कार्य कराए जाने के निर्देश दिए।

श्री सिलावट ने विभाग के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि डेम, तालाब और नहरों के आसपास के सभी आतिक्रमण सख्ती से हटाए जाएं। इस कार्य को एक माह में पूरा किया जाए तथा सम्बन्धित अधिकारी से अतिक्रमण नहीं होने का प्रमाण-पत्र  लिया जाए। 

मंत्री श्री सिलावट ने बैठक के पूर्व कोलार रोड स्थित  बौधी (ब्यूरो ऑफ डिजाइन और हाइड्रल पॉवर इन्वेस्टिगेशन) कार्यालय का निरीक्षण किया और अव्यवस्थाओं पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उसके बाद कार्यालय  का पुनः अचानक निरीक्षण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.