आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में शिक्षकों का योगदान आवश्यक और महत्पूर्ण है। इस विजन को यथार्थ रूप प्रदान करने के लिए सभी शिक्षक अपना श्रेष्ठतम योगदान देने का प्रयास करें। स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री इन्दर सिंह परमार आज समन्वय भवन में आयोजित आजाद अध्यापक शिक्षक संघ की प्रांतीय बैठक एवं शिक्षा गुणवत्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मध्यप्रदेश में नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी शिक्षकों से आवाहन किया कि पूरी ईमानदारी और निष्ठा से अपने दायित्वों का निर्वहन करें और भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने में अपना योगदान दें।
राज्य मंत्री श्री परमार ने शिक्षकों से कहा कि आप सभी अपने-अपने जिलों में जाकर नई शिक्षा नीति पर संगोष्ठी और चर्चा का आयोजन करें। शिक्षा व्यवस्था और नई शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के लिए शासन को सुझाव भेजें। उन्होंने कहा कि आचार्य चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि एक शिक्षक ने अकेले ही पूरे भारत को एक सूत्र में बांधकर अखंड भारत का निर्माण किया था। उसी तरह आप भी आत्मनिर्भर भारत निर्माण में अपना योगदान दें।
राज्य मंत्री श्री परमार ने बताया कि शिक्षकों की शिकायतों और समस्याओं के समाधान के लिए ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की गई है। पोर्टल पर दर्ज शिकायतों का समय सीमा में निराकरण किया जाएगा। उन्होंने ज्ञापन में की गई मांगों पर विचार कर उचित निराकरण करने का आश्वासन दिया। राज्य मंत्री श्री परमार मां ने सरस्वती देवी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सम्मेलन में आजाद अध्यापक शिक्षण संघ के प्रांताध्यक्ष श्री भरत पटेल, सचिव श्री गोविंद बिसेन सहित प्रदेश के सभी जिलों से आए अध्यापकगण उपस्थित थे।