सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने जानकारी दी कि शीतलहर के समय विभिन्न प्रकार की बीमारियों की संभावना अधिक बढ़ जाती है जैसे फ्लू, चलना, सर्दी, खांसी, जुकाम एवं जुकाम आदि के लक्षणों के हो जाने पर शीघ्र चिकित्सक को दिखाना चाहिए।
सीएमएचओ डॉ. तिवारी ने जनसामान्य से अपील की है कि शीतलहर अथवा उससे उत्पन्न बीमारियों से बचने पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े जैसे दस्ताने, टोपी, मफलर एवं जूते आदि पहलें। शीतलहर के समय चुस्त, कपड़े ना पहले उह रक्त संचार को कम करते हैं इसलिए हल्के ढीले-ढाले एवं सूती कपडे बाहर की तरफ एवं उनी कपड़े अंदर की तरफ पहले। पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्वों से युक्त भोजन ग्रहण करें एवं शरीर की प्रतिरक्षा बनाये रखने के लिए विटामिन से भरपूर फल और सब्लियां खाएं। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ अवश्य पीयें।
उन्होंने कहा कि शीतलहर के संपर्क में आने से हाईपोथर्मिया होने पर शरीर के तापमान में कमी आ सकती है। जिसके कारण बोलने में कठिनाई, सांस लेने में कठिनाई आदि समस्याएं हो सकती है। ऐसे लक्षण पाए जाने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है।