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प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के 37 छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण

 अनुसूचित जाति वर्ग के एक लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा के लिये आवासीय सुविधा

प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये शैक्षणिक आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से 37 छात्रावास भवनों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है। वर्ष 2019-20 में राज्य मद से 43 नवीन छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये करीब 108 करोड़ रूपये की राशि मंजूर की गई थी। इस वर्ष छात्रावास भवनों के निर्माण के लिये अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा 50 करोड़ रूपये और मंजूर किये गये है।

केन्द्र सरकार की बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-21 में राज्य सरकार द्वारा 250 सीट क्षमता के कन्या छात्रावास भवन इंदौर, उज्जैन, भिण्ड, मुरैना तथा छतरपुर के प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजे हैं, जिनकी मंजूरी के प्रयास अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा किये जा रहे है। इसके साथ ही 100 सीटर कन्या छात्रावास भवन जो विदिशा, सीहोर, शाजापुर, देवास तथा आगर-मालवा में बनाये जाना प्रस्तावित है। इसकी मंजूरी के लिये भी विभाग द्वारा तेजी से प्रयास किये जा रहे है। भोपाल के रातीबड़ में बालक छात्रावास भवन के लिये केन्द्र सरकार से करीब 2 करोड़ रूपये की राशि प्राप्त हुई है।

छात्रावासों का संचालन

प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों को आवास की सुविधा और पढ़ाई के लिये अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिये बालक तथा बालिकाओं के लिये 1937 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इनमें करीब एक लाख विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आवासीय सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। प्रदेश में अनूसुचित जाति वर्ग के बालकों के लिये 1009 और बालिकाओं के लिये 928 छात्रावास संचालित किये जा रहे है। इन छात्रावासों में से 108 महाविद्यालयीन छात्रावास बालकों के लिये एवं 81 महाविद्यालयीन छात्रावास बालिकाओं के लिये संचालित किये जा रहे है।


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