स्वास्थ्य मंत्री का मरीजों से वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा सीधी बातचीत का सिलसिला शुरू----
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने अस्पताल में इलाज और व्यवस्थाओं में सुधार लाने के दृष्टिगत मरीजों से सीधे बातचीत करने का सिलसिला शुरू किया है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी प्रत्येक सप्ताह सोमवार के दिन वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसी भी अस्पताल के मरीजों से बातचीत करेंगे। स्वास्थ्य विभाग में सुधार लाने के लिये की गई इस नई पहल की शुरूआत आज मंत्रालय से स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने की।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने आज विदिशा और खण्डवा अस्पताल में भर्ती मरीजों से चर्चा कर उनको मिल रहे उपचार और अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में वीडियो कॉल कर बातचीत की। उन्होंने कहा कि अगले सोमवार को वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मरीज से सीधा संवाद किया जायेगा, जो निरंतर जारी रहेगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि बातचीत के दौरान इलाज और अस्पताल की व्यवस्थाओं के संबंध में फीडबैक प्राप्त कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया जायेगा।
सौदान सिंह जी मैं डॉ. प्रभुराम बोल रहा हूँ
मरीजों से सीधी बातचीत की शुरूआत विदिशा जिले के श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय के आईसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों से की गई। चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने मरीज का नाम लेकर कहा कि सौदान सिंह जी मैं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी बोल रहा हूँ। उन्होंने ग्राम सेऊ के 52 वर्षीय श्री सौदान सिंह से उनके उपचार के संबंध में बातचीत की। सौदान सिंह ने बताया कि उन्हें ह्रदयघात हुआ था। अस्पताल में उनका उपचार चल रहा है और उन्हें आराम भी है। इसी क्रम में मोहनगिरी के 45 वर्षीय अशोक कुमार, विदिशा निवासी 40 वर्षीय श्रीमती चन्द्रबाला ने भी कहीं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने खण्डवा के लेडी बटलर जिला अस्पताल में भर्ती श्रीमती वंदना पाटीदार और भामगढ़ निवासी श्रीमती सना से बात की। दोनों भर्ती मरीजों ने बताया कि इनका सीजर हुआ था और इलाज के दौरान उन्हें सभी व्यवस्थाएँ सुविधाजनक ढंग से प्राप्त हुईं। खण्डवा के एसएनसीयू में भर्ती नवजात बच्चे की माँ श्रीमती अंशु विवेक जायसवाल ने बातचीत में कहा कि उनका बच्चा 25 दिन पहले भर्ती हुआ था। डॉक्टर्स, नर्स और कर्मचारियों द्वारा की गई देखभाल और इलाज से उनके बच्चे को नया जीवन मिला। अब वह ठीक हो रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने मरीजों से चर्चा के दौरान उन्हें मिल रहे उपचार और अस्पताल की व्यवस्थाओं के संबंध में परोक्ष और अपरोक्ष रूप से जानना चाहा कि अस्पताल में किसी तरह से उनको पैसे तो नहीं देने पड़ रहे, दवाइयाँ बाजार से खरीदनी पड़ रही हैं क्या, रसोई से भोजन समय पर मिलता है कि नहीं, चिकित्सकों और अन्य पैरा-मेडिकल स्टॉफ का उनके साथ व्यवहार कैसा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी द्वारा अनौपचारिक बातचीत में पूछे गये इन सभी सवालों पर मरीजों ने कहा कि उन्हें अस्पताल में नि:शुल्क उपचार मिल रहा है और किसी प्रकार का कोई पैसा नहीं देना पड़ रहा है। दवाइयाँ भी अस्पताल से मिल रही हैं और चिकित्सकों एवं पैरा-मेडिकल स्टॉफ का व्यवहार भी अच्छा है।
डॉ. चौधरी ने उपचाररत मरीजों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने खण्डवा और विदिशा के सिविल सर्जन से कहा कि व्यवस्थाओं में कमी नहीं रहना चाहिये। अस्पताल आये मरीज को बेहतर व्यवस्थाएँ मिल रही हैं, यह मरीज खुद बताये, इस बात को ध्यान में रखें।