बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने दिल्ली से सनातन हिंदू एकता पदयात्रा शुरू की है, जिसका लक्ष्य हिंदू राष्ट्र की स्थापना, जातिवाद का उन्मूलन और समाज में एकता लाना है. यह यात्रा दिल्ली, हरियाणा और यूपी से होते हुए वृंदावन पहुंचेगी, जिसमें हजारों साधु-संत व VIP शामिल होंगे. यात्रा को लेकर बागेश्वर बाबा ने कहा कि मुसलमानों के खिलाफ नहीं, हिंदुओं के समर्थन में पदयात्रा है.
यात्रा को लेकर क्या बोले बागेश्वर सरकार धीरेंद्र शास्त्री?
यात्रा को लेकर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘ये पद यात्रा 80 करोड़ लोगों की है और 150 करोड़ लोगों के हितों के लिए है. देश में रहने वाला हर आदमी सनातनी है. यह यात्रा हिंदुओं में एकता और जागरूकता लाने का प्रयास है न कि किसी राजनीतिक विरोध या मांग का हिस्सा. कोई व्यक्ति पदयात्री का भेष बनाकर उपद्रव न कर दे इसके लिए वह चिंतित है. यात्रा तीन प्रदेशों दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर जाएगी. यह बालाजी और बांके बिहारी के मिलन की यात्रा है. आज हिंदू जातिवाद और क्षेत्रवाद में बंटता जा रहा है, जिससे भविष्य में अन्य मजहबों का आधिपत्य बढ़ सकता है. हमारी चिंता बस यही है कि हिंदू एकजुट रहें.’
उन्होंने कहा, ‘यह जमीनी लड़ाई है. देश का बंटवारा 1947 में विशेष मजहब के लोगों की मान्यता पर हुआ था. हमें सिर्फ इस बात की चिंता है कि हिंदू किसी विभाजन में फिर से न फंस जाए, जैसे जातिवाद का बंटवारा हुआ या क्षेत्रवाद का हुआ, तो हिंदू एकदम घट जाएगा. दूसरी संस्कृति और मजहब के लोग इस देश पर आने वाले भविष्य में अपना आधिपत्य जमाएंगे. हम चाहते हैं कि हिंदू एक हों और हिंदुओं में एकता हो. इसी अपेक्षा के लिए हमारी वैचारिक लड़ाई है, वैचारिक यात्रा है, वैचारिक क्रांति है. न सरकार से अपेक्षा, न कोई कहना, न कोई मांग, न विरोध- केवल और केवल हिंदुओं की एकता के लिए हम हिंदुओं से भिक्षा मांगेंगे.’
बाबा बागेश्वर ने कहा, ‘मुसलमानों के खिलाफ नहीं, हिंदुओं के समर्थन में पदयात्रा है. देश में राष्ट्रवाद चाहिए, जातिवाद नहीं. हमारे हिंदू बच्चे और आपके बच्चे सुरक्षित रहें, देश का इस्लामीकरण न हो. देश में दंगे न हों, गंगा फैले इसलिए हम यह पदयात्रा कर रहे हैं. हम हिंदुओं के लिए लड़ रहे हैं. जातियां हो सकती हैं, लेकिन जातिवाद नहीं होना चाहिए. देश सबका है. यह हर उस पार्टी की पदयात्रा है, जिसमें हिंदू हैं इसलिए हमने सबको न्योता दिया है. अगर देश में जातियों की लड़ाई खत्म हो जाए तो हिंदू एक हो जाएंगे.’
पदयात्रा में कौन-कौन शामिल होगा खास मेहमान?
बाबा की यात्रा में कई साधु-संत शामिल होने वाले हैं. इनमें जगद्गुरु रामभद्राचार्य महाराज, जया किशोरी, इंद्रेश उपाध्याय, देवकी नंदन ठाकुर, योगेश्वर बालक दास महाराज, राजेंद्र दास महाराज, महंत राजू दास और चिन्मयानंद बापू शामिल हैं. इसके अलावा वीआईपी की बात की जाए तो संजय दत्त, द ग्रेट खली, अक्षरा सिंह, मनोज तिवारी, विजय ईश्वरलाल पवार, राजपाल यादव और सुनील ग्रोवर शामिल होंगे.
किस दिन कहां से कहां जाएगी यात्रा?
7 नवंबर: दिल्ली के छतरपुर मंदिर से दिल्ली के जीरखोद मंदिर
8 नवंबरः फरीदाबाद के बायोटेक कॉलेज से फरीदाबाद के दशहरा मैदान NIT
9 नवंबरः बल्लभगढ़ मंडी से सीकरी के डॉ. एच.एन. अग्रवाल धर्मशाला + ध्रुव गार्डन
10 नवंबरः पृथला के बाघोंला अडानी पेट्रोल पंप से पलवल के गर्वमेंट हाई स्कूल
11 नवंबरः पलवल के शुगर मिल से मीठा गांव (प्रधान जी की भूमि)
12 नवंबरः होडल मंडी से वनचारी (JBM)
13 नवंबरः कोट-1 बॉर्डर (सेल्स टैक्स) से कोसी मंडी
14 नवंबरः वेकमेट इंडिया कंपनी के सामने से गुप्ता टेंट एंड छाता बिलौठी
15 नवंबरः यादव हरियाणा ढाबा से जैत के राधा गोविंद जी मंदिर
16 नवंबरः छठीकरा के चार धाम से वृंदावन के श्री बांके बिहारी जी मंदिर.
बाबा बागेश्वर की पदयात्रा का मकसद क्या?
बागेश्वर सरकार ने अपनी पदयात्रा का मकसद या संकल्प 7 गिनाए हैं. इनमें समाज में समरसता स्थापित हो, भारत एक गौरवशाली हिंदू राष्ट्र बने, मां यमुना स्वच्छ और सुंदर बहे, ब्रजधाम क्षेत्र मांस और मदिरा से पूर्णता मुक्त हो, गौ माता को राष्ट्र माता का सम्मान मिले तथा गौ अभयारण्य की स्थापना हो, प्राचीन वृंदावन पुनः स्थापित हो-वहां के मंदिर और रज सुरक्षित रहें, श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण हो शामिल हैं.



