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ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग, उड़द की फसलों के लिये प्रेरित करें - कलेक्टर

कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य एवं विपणन संबंधी बैठक


कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिले में सिंचित क्षेत्र के किसानों को रबी के बाद ग्रीष्मकालीन मक्का, मूंग और उड़द की जायद फसलों की बोनी और उत्पादन के लिये प्रेरित करें। उन्होने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के बीच जाकर उन्हें मार्गदर्शन दें और उन्हें जायद की फसलें लेने के लिये प्रोत्साहित करें। उन्होने जिले में स्वीट कॉर्न का रकबा भी बढ़ाने के निर्देश दिये हैं। शनिवार को कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य एवं आत्मा तथा विपणन संघ, कृषि उपज मण्डी के अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कलेक्टर ने यह निर्देश दिये।
    कृषि विभाग के रबी क्षेत्राच्छादन और उत्पादन के आधार पर कलेक्टर ने गतवर्ष और चालू वर्ष की गतिविधियों की तुलनात्मक समीक्षा की। उन्होने कहा कि कृषि विभाग के आंकड़े और राजस्व विभाग के गिरदावरी के आंकड़ों में भिन्नता नहीं होनी चाहिये। गतवर्ष की तुलना में गेहूं के स्थान पर चना, सरसों, दलहन का रकबा कितना परिवर्तित हुआ है, एक सप्ताह के भीतर कृषि विभाग के अधिकारी सर्वेकर सही आंकड़े प्रस्तुत करें। सहायक संचालक कृषि ने बताया कि रबी फसलों में गतवर्ष 197 हजार हेक्टेयर की क्षेत्राच्छादन पूर्ति हुई थी, जो चालू वर्ष में बढ़कर 216 हजार हैक्टेयर हो गई है। इस बार गेहूं का रकबा 166 हजार हैक्टेयर से घटकर 135 हजार हैक्टेयर हुआ है। घटे गेहूं के रकबे में दलहन और तिलहन को प्रतिस्थापित किया गया है। चालू रबी सीजन में 45490 क्विंटल बीज सहकारी तौर पर वितरित किया गया है। जिले में रबी की अंतिम टाप ड्रेसिंग के लिये 1584 मेट्रिक टन यूरिया उपलब्ध है। उर्वरक की कोई कमी नहीं है।
    कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि ग्रीष्मकालीन जायद की फसलों के लिये कम से कम 20 हजार हैक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित करें। पिछली साल से इस बार तीन गुना लक्ष्य लेकर स्वीट कॉर्न का रकबा कम से कम 2000 हैक्टेयर तक ले जायें। इसके लिये अभी से तैयारी करें और कृषि वैज्ञानिक तथा कृषि अधिकारी फील्ड में जाकर किसानों को प्रोत्साहित करें कि वे अधिकतम लाभ के लिये जायद फसलों को अपनायें।
    उद्यानिकी की समीक्षा में बताया गया कि फलोद्यान में चालू वर्ष का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। जिले में 12344 हैक्टेयर के रकबे में फलोद्यान है। कान्टेक्ट फार्मिंग एवं स्वयं के साधनों में से 27 हजार हैक्टेयर में सब्जी उत्पादन और 7911 हैक्टेयर में मसाला की खेती की जा रही है। किचन गार्डन के तहत 5 हजार 564 हितग्राहियों को सब्जी मिनी किट दिये गये हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने उद्यानिकी यंत्रीकरण, स्प्रिंकलर, शेडनेट एवं पॉली हाउस के लक्ष्यों में प्रगति लाकर पूर्ति करने के निर्देश दिये।
    मत्स्य पालन की समीक्षा में बताया गया कि जिले में 1100 लाख मत्स्य बीज उत्पादन के विरुद्ध 837 लाख स्पॉन मत्स्य बीज का उत्पादन किया गया है। नवीन तालाब में मत्स्य पालन के लिये 25.99 हैक्टेयर जल क्षेत्र का पट्टा दिया गया है। गतवर्ष 5200 मे0टन मत्स्य का उत्पादन हुआ था, चालू वर्ष में अब तक 5100 मी0टन का उत्पादन प्राप्त किया जा चुका है। कलेक्टर श्री सिंह ने सीईओ बहोरीबंद और विजयराघवगढ़ को मत्स्य तालाबों की जियो मैपिंग कार्य में गति लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि सभी मत्स्य तालाबों की जीआईएस मैपिंग शत्-प्रतिशत कार्य इसी माह के अंत तक पूर्ण करायें।
    पशु चिकित्सा विभाग की समीक्षा में बताया गया कि विभागीय योजनाओं आचार्य विद्यासागर, वत्स पालन, बकरी इकाई, बैकयार्ड कुक्कुट, कड़कनाथ मुर्गा पालन समुन्नत प्रजनन सहित सभी योजनाओं में वार्षिक लक्ष्य की पूर्ति कर ली गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि पशुओं के उपचार और टीकाकरण के लिये अतिरिक्त शिविर लगाकर उपलब्ध औषधियों की उपयोगिता साबित करें। जिले में कुल 30 गौशालाओं में से 15 गौशालायें निर्मित हो कर लोकार्पित की जा चुकी हैं। इन्हें क्रियाशील कर पशुओं का रखरखाव करें। साथ ही इनमें बिजली, पानी, चारा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करते हुये सतत् निरीक्षण भी करते रहें। आत्मा परियोजना द्वारा बताया गया कि जिले में सभी 443 कृषक बंधुओं का चयन पूर्ण कर लिया गया है। मार्कफेड के कार्यों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि गेहूं उपार्जन की तैयारियां अभी से सुनिश्चित करें। गेहूं खरीदी और गेहूं के भण्डारण के लिये आवश्यक कैप की उपलब्धता और निर्माण के लिये भण्डारण की माईक्रो प्लानिंग कर लें।


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