जिला न्यायालय खण्डवा में लाडो अभियान एवं घरेलू हिंसा की रोकथाम के अधिनियम के संबंध में एक दिवसीय संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एल.डी. बोरासी ने की। मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्री वर्मा, जिला रजिस्टार श्री अतूल वर्मा , जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्रीमती अंशुबाला मसीह , सहायक संचालक महिला बाल विकास श्रीमती मीना कांता एक्का, सीड संस्थान की अध्यक्ष श्रीमती अनिता सिंह चौहान व वनस्टॉप सखी सेंटर की अधीक्षक सुश्री पुष्पा कनोजिया सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
प्रशिक्षण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बोरासी ने बताया कि घरेलू हिंसा से संबंधित डीआईआर फार्म भरते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा के मामलों में डीआईआर दर्ज करते समय हमारा उद्देश्य घर को तोड़ना नही बल्कि घर को जोड़ना होना चाहिए। जिला रजिस्टार श्री अतूल वर्मा ने इस अवसर पर कहा कि पारिवारिक विवादों में काउंसलिंग की मुख्य भूमिका होती है, जिसके लिए वन स्टॉप सेंटर व परिवार परामर्ष केन्द्र स्थापित किए गए है। काउंसलिंग के माध्यम से परिवार को टूटने से बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने चाहिए। उन्होंने बताया कि पारिवारिक विवादों के मामले में पीड़ित पक्ष को निःशुल्क विधिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती मसीह ने इस अवसर पर सभी से बाल विवाह रोकने के लिए आवश्यक सहयोग की अपील की। उन्होंने बताया कि अक्षय तृतीया व अन्य शुभ मुहुर्त के समय बाल विवाह आयोजन की अधिक संभावना को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन आवश्यक उपाय करता है। इसके लिए जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष भी बनाया गया है।
<no title>लाडो अभियान व घरेलू हिंसा अधिनियम के संबंध में प्रशिक्षण सम्पन्न -
Sunday, February 23, 2020
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