मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी" पहल से 1700 से अधिक शासकीय शालाओं में डिजिटल क्लास संचालित
शिक्षकों के अपने छात्रों के प्रति समर्पण का ऐसा ही उदाहरण सिवनी जिले के शिक्षको ने "मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी "पहल में सकारात्मक भागीदारी के माध्यम से पेश किया है। तात्कालीन संभागायुक्त एवं वर्तमान आयुक्त आबकारी विभाग श्री राजेश बहुगुणा द्वारा लगभग एक वर्ष पूर्व शासकीय शालाओ की साफ सफाई एवं शालाओं की सुविधाओं के उन्नयन की मंशा से "मेरी शाला- मेरी जिम्मेदारी" पहल पेश की थी। इस पहल में कलेक्टर श्री प्रवीण सिंह के मार्गदर्शन में जिले के शिक्षकों ने आगे आकर अपनी शालाओं की जिम्मेदारी स्वयं ली है। यह पहल अब शाला की साफ सफाई तक सीमित न होकर मानक शिक्षा की ओर बढ़ने लगी हैं। शिक्षकों ने अपनी शाला की साफ सफाई के साथ ही शैक्षणिक गुणवत्ता के उन्नयन की दिशा में बिना शासकीय मदद के अपनी स्कूलों में डेस्क बेंच की उपलब्धता,स्मार्ट क्लास एवं मॉडर्न क्लास रूम का निर्माण कर मेरी शाला मेरी जिम्मेदारी पहल की सफलता की नई इबारत लिख दी है। इस पहल में जिले के जनप्रतिनिधियों, ग्राम के सरपंच सचिवों एवं समाज सेवियों की भी सक्रिय भागीदारी रही हैं। बिना शासकीय मदद के शिक्षकों एवं समाजसेवियों की भागीदारी से अब तक जिले के 1724 स्कूलों में स्मार्ट क्लास प्रारंभ हो चुकी हैं। जिससें सिवनी जिला शत प्रतिशत डिजिटल शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिसमें सिवनी विकासखंड में 311, बरघाट विकास खंड में 260 छपारा विकासखंड में 209 और धनोरा विकासखंड में 87, घंसौर विकासखंड में 396 तथा केवलारी विकासखंड में 132, कुरई विकासखंड में 236 तथा लखनादौन विकासखण्ड की 93 शासकीय शालाओ में स्मार्ट क्लास प्रारंभ हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त शालाओं में छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए फर्नीचर, गद्दे एवं अन्य जरूरी सामग्री भी जुटाई गई हैं।इस पहल में शिक्षको एवं जनप्रतिनिधियों ने अब तक लगभग 4 करोड़ रुपये से अधिक लागत की सामग्री शालाओं को दान दी हैं। जिसका लाभ इन शासकीय शालाओं में अध्ययनरत जरूरतमंद बच्चों को मिल रहा हैं। डिजिटल क्लास में इंटरनेट से जुड़कर बच्चें पाठ्यक्रम को पहले से बेहतर एवं रोचक रूप से समझने के साथ ही वैश्विक शिक्षा की ओर अग्रसर हो सकेंगे। जो निश्चित रूप से बच्चों का बौद्धिक विकास में लाभकारी होगा। |