होलिका दहन और पूजा करने का महत्व पुराणों में भी है और ऐसा माना जाता है कि होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो होती हैं. देवी लक्ष्मी घरों में विराजमान होती हैं और शांति का विस्तार होता है.
होलिका दहन आज 9 मार्च को है. होलिका शाम के समय जलाई जाएगी. हर साल होलिका दहन के दिन भद्रा लगती है. लेकिन इस बार होलिका की ख़ास बात यह है कि इस बार भद्रा होलिका दहन नहीं बल्कि होली खेलने वाले दिन यानी कि 10 मार्च को लगेगी. भद्रा 1 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. भद्रा खत्म होने के बाद ही होली की पूजा का विधान है. होलिका दहन से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. अगर आप होलिका दहन के दिन कुछ उपायों को प्रयोग करें तो पूरे साल आपके जीवन में खुशहाली और समृद्धि बनी रहेगी. होलिका दहन और पूजा करने का महत्व पुराणों में भी है और ऐसा माना जाता है कि होली की पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न हो होती हैं. देवी लक्ष्मी घरों में विराजमान होती हैं और शांति का विस्तार होता है. आइए आपको बताते हैं कि होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और होलिका का मंत्र...
होलिका दहन मुहूर्त
होलिका दहन की अवधि: शाम 6.22 से रात 11.18 बजे तक होलि का जलाई जा सकती है.
शुभ मुहूर्त: शाम 6.22 से रात 8.52 बजे तक का ही है.
इसके अलावा भी होलिका दहन के लिए प्रदोष काल विशेष मंगल मंगल मुहूर्त: शाम 6.22 से शाम 7.10 बजे तक है.
होलिका का मंत्र:
अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:
अतस्तां पूजयिष्यामि भूति भूति प्रदायिनीम.
होलिका दहन के बाद करें ये काम:
होलिका दहन के बाद हल्दी का टीका जरूर लगाएं. इससे शरीर में सकारात्मकता आती है.
चीजें अग्नि में अर्पित करने और उसके भस्म हो जाने के बाद सुख-शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना जरूर करें.