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आंगनबाड़ी केन्द्रो पर फीवर क्लीनिक अथवा कोविड-19 संबंधी गतिविधियो का संचालन ना किया जाए – कमिश्नर श्री श्रीवास्तव

नर्मदापुरम् संभागायुक्त श्री रजनीश श्रीवास्तव ने कलेक्टर बैतूल, हरदा एवं होशंगाबाद से कहा है कि वे यह सुनिश्चित करें कि आंगनबाड़ी केन्द्रो में फीवर क्लीनिक अथवा कोविड-19 संबंधी गतिविधियो का संचालन ना हो। आयुक्त ने संभाग के जिलो के कलेक्टर्स को जारी पत्र में उल्लेख किया है कि कोविड-19 महामारी छूत की होती है जो संक्रमित मरीज के कणो से 2 मीटर के भीतर संपर्क में आने से किसी अन्य को संक्रमित कर सकती है। किसी भी आंगनबाड़ी एवं मिनी आंगनबाड़ी में कोविड-19 संबंधी गतिविधियाँ यथा फीवर क्लीनिक का संचालन करना या सैम्पलिंग लेना बीमारी को महामारी बनाने में सहायक हो सकता है। भारत शासन की कोविड-19 की गाइड लाइन अनुसार गर्भवती महिलायें एवं 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हाईरिस्क की श्रेणी में चिन्हित किये गये है, इस स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कोविड-19 संक्रमण के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रो को हितग्राहियों के लिये बंद रखा गया है किन्तु स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रो में नियमित टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच एवं परामर्श सेवायें निरन्तर रखी गई है। इसके अतिरिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों में भंडारित पोषण आहार को घर-घर जाकर वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस प्रकार आंगनबाड़ी केन्द्रो का उपयोग विभाग द्वारा निरन्तर किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रो का हितग्राही समूह अत्यंत संवेदनशील होता है। अत: आंगनबाड़ी केन्द्रो का उपयोग कोविड-19 संबंधी गतिविधियों यथा फीवर क्लीनिक संचालन या सेम्पलिंग लेने आदि के लिए न किया जावे।
    कमिश्नर श्री श्रीवास्तव ने संभाग के जिले होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल कलेक्टर से अनुरोध किया है कि वे इस आशय से स्वास्थ्य एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अधिकारियों को अपने स्तर से निर्देशित करना सुनिश्चित करें।


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