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कृषक टिड्डी दल से बचाव हेतु रखे सतर्कता

कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना ने जानकारी दी है कि प्रशासनिक जानकारी के आधार पर संज्ञान में आया है कि टिड्डी दल राजस्थान से लगे हुए मध्यप्रदेश के मुरैना जिले तक पहुंचने की संभावना प्राप्त हुई है। उन्होंने जानकारी दी है कि मुरैना जिले में भी टिड्डी दल का प्रकोप होने की संभावना है इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि आप खेतों में सतत निगरानी रखें और टिड्डी दल के आगमन होने पर खेतों में तेज ध्वनि जैसे तालियां बजाकर, ढोल बजा कर, डीजे बजा कर, खाली टीन के डिब्बे बजाकर, पटाखे फोड़ कर, ट्रैक्टर का साइलेंसर निकालकर आवाज करके, टिड्डी दल को आगे की तरफ उड़ाया जा सकता है साथ ही रासायनिक दवाइयों का प्रयोग ट्रैक्टर माउंटेड स्प्रेयर पंप में क्लोरोपायारीफॉस 20 प्रतिषत ईसी 1200 उण्सण् या डेल्टामेथ्रिन, 2.8 प्रतिषत ईसी 625 एमएल या डाईफ्लूबेन्जूरॉन 25 प्रतिषत डब्ल्यू पी 120 एमएल या लेम्डासायलोथ्रिन  5 प्रतिषत ईसी 400 एम.एल. कीटनाशक का 500-600 लीटर पानी में घोलकर टिडडीओ के ऊपर छिड़काव कर सकते हैं। उन्होने बताया कि टिड्डी दल का आगमन शाम 5 बजे लगभग 6 से 8 बजे तक होता है तथा सुबह 7:30 बजे तक दूसरे स्थानों के लिए प्रस्थान करने लगता है ऐसी स्थिति में टिड्डी दल से फसलों के बचाव के लिए उसी रात में सुबह 3 बजे से 7:30 बजे तक बताए गए तरीकों का उपयोग करके टिड्डी दल पर नियंत्रण प्राप्त कर फसलों को बचाया जा सकता है।


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