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अजा-जजा तथा ‍पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्राप्त होती ही ट्यूशन फीस महाविद्यालय में जमा कराना होगी अनिवार्य

छात्रवृत्ति के विलम्ब होने से विद्यार्थियों परीक्षा प्रक्रिया से नही किया जाएगा वंचित------


कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री मनीष सिंह द्वारा राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं होने पर परीक्षा प्रक्रिया से वंचित नहीं किए जाने के संबंध में पूर्व में दिनांक 12 जून, 2020 को आदेश जारी किए गए थे। कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा उक्त आदेश में आंशिक संशोधन करते हुए आदेश जारी किए हैं कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रवृत्ति के पात्र छात्र-छात्राओं के लिए यह बंधनकारी होगा कि वे छात्रवृत्ति प्राप्त होने पर उसे ट्यूशन फीस के रूप में अपने संबंधित महाविद्यालय में जमा कराएंगे।
                 जारी आदेशानुसार केवल अंतिम सेमेस्टर के ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए जिन्हें छात्रवृत्ति की प्रक्रिया के चलते छात्रवृत्ति नहीं प्राप्त होने पर संबंधित महाविद्यालय में ट्यूशन फीस जमा नहीं करवा पाए हैं, उनसे महाविद्यालय एक सादे कागज पर अथवा मेल द्वारा यह वचन-पत्र लेंगे कि छात्रवृत्ति प्राप्त होने पर तत्काल उसे वे महाविद्यालय में अंतिम सेमेस्टर की ट्यूशन फीस जमा करवाएंगे तथा इस अभिवचन के आधार पर संबंधित महाविद्यालय संबंधित विश्वविद्यालय को परीक्षा फार्म अग्रेषित करेंगे। दोनों विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से यह अनुरोध किया गया है कि वे इस आदेश के तारतम्य में केवल अंतिम सेमेस्टर के ऐसे परीक्षार्थियों के परिणाम मूल प्रति में संबंधित महाविद्यालय को भेजेंगे ताकि संबंधित महाविद्यालय अंतिम सेमेस्टर के ऐसे छात्रों से ट्यूशन फीस जमा करवा कर परीक्षा परिणाम दे सकेंगे।
            कलेक्टर श्री मनीष सिंह द्वारा इन्दौर जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक (एलडीएम) श्री रविन्द्र कुमार जैन को निर्देशित किया गया है कि उक्त दोनों विश्वविद्यालय से सम्बद्ध निजी महाविद्यालय के प्रबंधन द्वारा उन्हें केवल अंतिम सेमेस्टर के ऐसे छात्रों की सूची मय बैंक विवरण के प्रस्तुत की जायेगी एवं वे बैंक से यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्रवृत्ति प्राप्त होते ही वे प्रथमतः इन महाविद्यालयों की ट्यूशन फीस के रूप में भुगतान की जाएगी।
            उल्लेखित शर्तों का पालन करते हुए उक्त दोनों विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालय यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी अंतिम सेमेस्टर में परीक्षार्थी को उसे छात्रवृत्ति मिलने में विलम्ब होने से उसके परीक्षा फार्म को संबंधित विश्वविद्यालय में अग्रेषित करने में विलम्ब न किया जाये। महाविद्यालयों की यह जिम्मेदारी रहेगी कि समस्त अंतिम सेमेस्टर के परीक्षार्थी अनिवार्यतः परीक्षा दे सकें एवं उन्हें कोई असुविधा न हो।
            उक्त आदेश का उल्लंघन होने पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 187, 188, 269, 270, 271 एवं डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट-2005 की सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया जाएगा।
 


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