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कमिश्नर ने श्योपुर जिले के तीनो जनपद सीईओ को दिये कारण बताओ सूचना पत्र

चंबल संभाग के कमिश्नर श्री आरके मिश्रा ने मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 16 का उल्लघन करने पर श्योपुर जिले की तीनो जनपद पंचायत श्योपुर श्री एपी प्रजापति, कराहल श्री श्याम सुन्दर भटनागर एवं विजयपुर श्री बृम्हेन्द्र गुप्ता के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किये है।
    जारी सूचना पत्र में कहा है कि वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत पूर्व के निरस्त दावों एवं लंबित दावो का निराकरण मप्र वनमित्र पोर्टल के माध्यम से समय सीमा में कराये जाने के निर्देश शासन स्तर से जारी किये गये है। जिनमें 27 जून 2020 को मा. मुख्यमंत्री जी द्वारा की गई समीक्षा में जनपद पंचायत के क्षेत्र में ग्राम अधिकार समिति के पास दावो की संख्या श्योपुर क्षेत्र में 141 के विरूद्ध सत्यापन के लिए लंबित दावो की संख्या 13 दर्ज पाई गई। इसी प्रकार उपखण्डस्तरीय समिति के पास प्रस्तुत दावों 127 के विरूद्ध मांग की अनुसशा की किये गये दावो की संख्या निरंक है। शासन द्वारा उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समितियों में अनुसशा कराये जाने की संशोधित समय सीमा 20 जून 2020 निर्धारित की गई थी, ताकि 30 जून 2020 तक जिला स्तरीय वन अधिकार समितियो में निराकरण संभव हो सकें।
    इसी प्रकार जनपद पंचायत कराहल के क्षेत्र में वन अधिकार समिति के पास दावो की संख्या 3886 के विरूद्ध सत्यापन के लिए लंबित दावो की संख्या 1450 दर्ज होना पाई गई। उपखण्ड स्तरीय समिति के पास प्रस्तुत दावों 2364 के विरूद्ध मांग की अनुशंसा किये गये दावो की संख्या निरंक है। शासन द्वारा उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समितियों में अनुसशा कराये जाने की संशोधित समय सीमा 20 जून 2020 निर्धारित की गई थी, ताकि 30 जून 2020 तक जिला स्तरीय वन अधिकार समितियो में निराकरण संभव हो सकें। इसके अलावा जनपद पंचायत विजयपुर के क्षेत्र में उपखण्ड स्तरीय समिति के पास प्रस्तुत दावो 850 के विरूद्ध की मांग की अनुशसा किये गये दावो की संख्या निरंक है। शासन द्वारा उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समितियों में अनुसशा कराये जाने की संशोधित समय सीमा 20 जून 2020 निर्धारित की गई थी, ताकि 30 जून 2020 तक जिला स्तरीय वन अधिकार समितियो में निराकरण संभव हो सकें।
    उपरोक्त तीनो जनपदो की प्रगति से स्पष्ट है कि ग्राम पंचायतो के समन्वय के अभाव एवं संपर्क/पर्यवेक्षण में कमी तथा तीनो सीईओ जनपद के द्वारा कार्य में रूचि न होने के कारण समय सीमा व्यतित होने के उपरांत भी उपखण्ड स्तरीय वन अधिकार समिति में मान्य की अनुशसा किये जाने के प्रकरणो की संख्या निरंक है। जो कि शासन निर्देशो की अवहेलना है। साथ ही तीनो जनपदो के सीईओ का उक्त कृत्य पदीय कर्तव्यों में लापरवाही को परिक्षलित करता है। जो एक लोक सेवक के अपेक्षित आचरण के विपरित होकर मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 (1)(2)व (3) का स्पष्ट उल्लघन है। इसलिए तीनो जनपदो के सीईओ कारण बताओ सूचना प्राप्ती के 15 दिवस के अंदर कारण स्पष्ट करें, क्यो न आपके विरूद्ध मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियत्रण व अपील) 1966 के नियम 16 के नियम 10(4) के तहत आगामी दो वार्षिक वेतनवृद्धियां असंचीय प्रभाव से रोक जाने की लघुशास्ति अधिरोपित की जाए। आपकी ओर से नियत अवधि में उत्तर प्राप्त न होने की दशा में यह माना जावेगा कि आपको इस संबंध में कुछ नही कहना है। आपके विरूद्ध एक पक्षीय कार्यवाही कर प्रकरण में विधिवत आदेश पारित कर दिया जावेगा।


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