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किसानों को जरूरत के मुताबिक मिले सिंचाई के लिए पानी- कलेक्टर

जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक आयोजित


जिला स्तरीय जल उपयोगिता समिति की बैठक कलेक्टर उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्री भार्गव ने खरीफ सीजन को दृष्टिगत रखते हुए किसानों की मांग एवं सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता की समीक्षा की। उन्होंने किसानों को सिंचाई के लिए आवश्यकतानुसार जल प्रदाय करना सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में जल संसाधन विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी जलाशयों एवं बांध में वर्तमान स्थिति में सिंचाई क्षमता, सिंचाई रकबा आदि के संबंध में चर्चा की गई।


जल भण्डारण क्षमता का आकलन

   बैठक में जल संसाधन विभाग की कार्यपालन यंत्री प्रतिभा सिंह द्वारा जानकारी दी गई कि जिले में दो वृहद, 04 मध्यम एवं 60 लघु तालाब, 05 उद्वहन सिंचाई योजनाएं एवं 85 बैराज निर्मित है, जिनकी कुल रूपाकित सिंचाई क्षमता 156715 हैक्टेयर है। दिनांक 30 जून 2020 की स्थिति में समस्त परियोजनाओं 02 वृहद, 04 मध्यम तथा 150 लघु परियोजनाओं के जल के स्तर एवं उपलब्ध जीवित जल क्षमता 436.93 मि.घन.मी. है। किसानों द्वारा खरीफ सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने की मांग नहीं किए जाने के कारण संभाग के अंतर्गत खरीफ सिंचाई हेतु लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। सम्राट अशोक सागर संभाग विदिशा एवं जल संसाधन संभाग भोपाल द्वारा भी इस वर्ष खरीफ सिंचाई के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है। बारना बायी नहर संभाग बाड़ी द्वारा इस वर्ष खरीफ सिंचाई के लिए 16120 हैक्टेयर का खरीफ सिंचाई लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
   बैठक में जानकारी दी गई कि जिले की परियोजनाओं के कमाण्ड क्षेत्र में खरीफ सिंचाई के लिए पानी देने हेतु संबंधित सक्षम प्राधिकारियों द्वारा विभिन्न जलाशयों के कमाण्ड क्षेत्रों में किसानों की मांग अनुसार नहर से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त वर्ष 2020-21 के लिए जिले की दाहोद लघु जलाशय से औद्योगिक क्षेत्र विकास निगम मण्डीदीप को 9.855 मि.घन.मी. वार्षिक औद्योगिक उपयोग एवं नगर पालिका परिषद औबेदुल्लागंज को 1.91 मि.घन.मी. वार्षिक, नगर पालिका परिषद मण्डीदीप को 0.83 मि.घन.मी. वार्षिक पेयजल के लिए आरक्षित किया गया है। साथ ही बेतवा बैराज से एचईजी प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी को औद्योगिक उपयोग के लिए 0.91 मि.घन.मी. वार्षिक जल आरक्षित किया गया है। इसके अतिरिक्त सेमरी मध्यम परियोजना से 5 मि.घन.मी. पानी जल निगम भोपाल को पेयजल योजना के लिए आरक्षित करना प्रस्तावित है। बैठक में समिति के सदस्य एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। 


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