उन्होंने जिले के किसान भाईयों से आग्रह किया है कि वे अपने खेत में पीलापन दिखाई पड़ते ही एवं पीलापन दिखाई देने से पहले ही सोयाबीन के पौधे को निकाल कर इस कीट की पहचान तुरंत करें। इस कीट के नियंत्रण हेतु थायक्लोप्रिड 750 मिली या बीटासायफ्लूथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड 300 से 400 मिली या थायोमिथाकजाम + लेमडा सायहेलोथ्रिन 200 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव की सलाह एवं अनुशंसा कृषकों को दी गई। सोयाबीन फसल पर एंथ्रेकनोज एवं राईजोक्टोनिया रॉट राईजोक्टोनिया एरियल व्लाईट रोग के नियत्रंण हेतु कृषकों को हैक्साकोनाजोल 800 मिली प्रति हेक्टेयर या टेब्यूकोनाजोल 625 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव कि सलाह दी गई। |
फसल में कीट-व्याधि प्रकोप से बचने किसान भाईयों को कृषि विभाग ने दी सलाह "खेती-किसानी"
Friday, August 28, 2020
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